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Pradosh Vrat 2023: आजु हs साल के आखिरी प्रदोष व्रत, शिव जी के कृपा पावे खातीर एह तरह करीं पूजा

07:52 AM Dec 24, 2023 IST | Minee Upadhyay
pradosh vrat 2023  आजु हs साल के आखिरी प्रदोष व्रत  शिव जी के कृपा पावे खातीर एह तरह करीं पूजा
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प्रदोष व्रत 2023 : मार्गशीर्ष महीना चल रहल बा आ एह महीना के प्रदोष व्रत आजु यानी 24 दिसंबर, अतवार के बा। हर महीना में दुनो पक्ष के त्रयोदशी तिथि के प्रदोष व्रत मनावल जाला। प्रदोष व्रत भगवान शिव के समर्पित बा। चूंकि ई दिन अतवार हs एहसे एकरा के रवि प्रदोष व्रत कहल जाई। ई एह साल 2023 के आखिरी प्रदोष व्रत हs। प्रदोष व्रत के दिन भगवान भोलेनाथ के व्रत रख के पूजा कइल जाला। प्रदोष व्रत के सुख आ समृद्धि बढ़ावे वाला मानल जाला। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिवशंकर के साथे देवी पार्वती के भी पूजा होला। एगो धार्मिक मान्यता बा कि एह दिन व्रत आ पूजा कइला से भोले भंडारी आ माई पार्वती के विशेष आशीर्वाद मिलेला। साथ ही, सुख जनता के जिनगी में आवेला। कहल जाला कि एह व्रत के पालन से रोग, ग्रह दोष, परेशानी, पाप आदि से मुक्ति मिलेला। अइसन स्थिति में साल के अंतिम प्रदोष व्रत के शुभ समय, महत्व आ पूर्ण पूजा विधि के बारे में जानल जाव।

प्रदोष व्रत तिथि 

मार्गशीर्ष महीना के शुक्ल त्रयोदशी तिथि 24 दिसम्बर के सबेरे 06.24 बजे से शुरू हो गइल बा। ई तारीख 25 दिसंबर के सबेरे 05:54 बजे खतम होखी। प्रदोष व्रत के पूजा प्रदोष काल में होला, एही से प्रदोष व्रत 24 दिसंबर, अतवार के मनावल जाता। एह दिन पूजा के शुभ समय साझ 05:30 बजे से 08:14 बजे ले बा।

प्रदोष व्रत पूजा विधि 

•प्रदोष व्रत के दिन सबेरे सबेरे उठ के नहाइ आ पूजा खातिर साफ कपड़ा पहिरी।

•ओकरा बाद पूजा कक्ष में दीप जरा के व्रत का संकल्प लीं।

•दिन भर व्रत राखीं आ प्रदोष काल में भगवान शिव के पूजा करीं।

• फेरु प्रदोष काल में साँझ के पूजा के समय दूध, दही, घी, शहद आ गंगा के पानी मिला के शिवलिंग के पंचमृत से अभिषेक करी।

•शिवलिंग के दिन भांग, दतुरा, बेलपत्र , फूल आ भोला-भाला भगवान शिव के अर्पित करीं।

•एकरा बाद भगवान शिव के मूर्ति के लगे धूप जरा के प्रदोष व्रत के कहानी पढ़ी भा सुनी।

•आखरी में भगवान शिव के आरती करके पूजा समाप्त करीं।

प्रदोष व्रत के महत्व

एगो धार्मिक मान्यता बा कि प्रदोष व्रत करे वाला लोग पs भगवान शिव दयालु होलें। एह व्रत के असर के चलते आदमी के सुख, संतान से सुख, धन के प्राप्ति अवुरी दुश्मन ग्रह से मुक्ति मिलेला। प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल में पूजा कइल सबसे बढ़िया मानल जाला। प्रदोष काल में भगवान शिव के साथे माता पार्वती के पूजा कइला से शुभ परिणाम मिलेला।

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