प्रगतिशील सोच से सिनेमा के जन-जन तक पहुंचावे वाला विलक्षण फिल्मकार रहस राजकपूर: डॉ. विमल
जमशेदपुर : शहर के साहित्य, सिनेमा आउर कला के संस्था ‘सृजन संवाद’ के 144वीं संगोष्ठी के आयोजन स्ट्रीमयार्ड के माध्यम से फेससबुक लाइव पs कइल गइल। “शो-मैन राजकपूर के सौ बरस” विषयक ई संगोष्ठी सांझ सात बजे सुरू भइल। एह दौरान चर्चित फिल्म निर्देशक आ साहित्यकार डॉ. विमल चंद्र पांडेय, दिल्ली यूनिवर्सिटी के सत्यवती कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मुन्ना कुमार पांडेय मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहल लो। संगोष्ठी के मॉडरेशन 'यायावरी वाया भोजपुरी' फेम वैभव मणि त्रिपाठी कइलें। एह दौरान कार्यक्रम के संयोजिका डॉ. विजय शर्मा शो-मैन के इयाद करत संगोष्ठी के सुरुआती विस्तार प्रदान कइलें। ऊ राजकपूर के नायिका प्रधान फिल्मन के ओर दर्शकन के ध्यान आकर्षित कइली।
राजकपूर के प्रगतिशील सोच सिनेमा के आम जन तक पहुंचवलें
महान शो-मैन राजकपूर के इयाद करत डॉ. विमल चंद्र पांडेय कहलें कि हिंदी सिनेमा के ओकर रूप देवे खेती पहिलका छेनी-हथौड़ी उहे चलवले। उनकर सामाजिक नजरिया, नायिका लोगन के खुला रूप में परदा पs देखावल उनकर प्रगतिशील सोच के दरसावत बा। एकरा से उनका सिनेमा के आम-जनता तक पहुंचावे में मदद मिलल। राजकपूर के फिल्म बॉबी के लेके ऊ कहलें कि सिनेमा के प्रति उनकर लगाव आ समर्पणे रहे कि 'मेरा नाम जोकर' जइसन विशाल फिल्म के फ्लॉप हो गइला के बादो ऊ बॉक्स ऑफिस के दबाव के झेल पइले। स्टूडियो गिरवी हो गइला के बाद के डर के दबाव झेलके अच्छा कs गइल उनका महान शो-मैन होखला के प्रमाण बा।
कांस अवॉर्ड्स समारोह के आकर्षण रहत रहली सs आरके के फिल्म
विमल इहो कहलें कि राजकपूर के दौर के फिल्म कांस जइसन अवॉर्ड्स समारोह में सबकर ध्यान आकर्षित करत रहे। आज के दौर के फिल्म दुगो अलग-अलग मानसिकता के ध्यान में रखके बनावल जाये लागल बाड़ी सs। कुछ फिल्म अवार्ड्स के ध्यान में रखके बने लागल बाड़ी सs, ओहिजा जादेतर फिल्म दर्शकन के ध्यान में रखके बन रहल बाड़ी सs। आज के सिनेमा के एगो अइसन छननी के जरूरत बा, जवना से खाली बेहतरीन फिल्म छनके आ सके।
सपनन के सौदागर रहस राजकपूर- डॉ. मुन्ना
डॉ. मुन्ना कुमार पांडेय शो-मैन के उनकर फिल्म श्री-420 के माध्यम से इयाद करत एकरा के उनकर पहिले के फिल्मन से जादे मैच्योर आ आगे के कहानी कहत फिल्म बतवलें। ऊ, फिल्म के तमाम पात्रन आ डायलॉग्स के माध्यम से फिल्म को पटकथा से जुड़ल अलग-अलग पहलुअन के विस्तृत व्याख्या कइलें। ऊ राजकपूर के सपनन के सौदागर बतावत कहलें कि आजादी के तुरंत बाद के समय में उनकर फिल्म लोगन के बेहतर जीवनयापन के सपना देखे खातिर प्रेरित कइलस।
एह लोगन के रहल सहभागिता
कार्यक्रम में सृजन संवाद फेसबुक लाइव के माध्यम में देहरादून से सिने-समीक्षक मनमोहन चड्ढा, जमशेदपुर से करीम सिटी-मॉसकॉम प्रमुख डॉ. नेहा तिवारी, डॉ. क्षमा त्रिपाठी, गोरखपुर से पत्रकार अनुराग रंजन, गौरव मणि त्रिपाठी, कवयित्री आकृति आदि उपस्थित रहल लो।