जल्दिये हर ट्रेन में होई न्यूनतम वेटिंग टिकटन के संख्या, भीड़ पs लाग सकी नियंत्रण
ट्रेन के आरक्षित बोगी में अनाधिकृत यात्रियन के भीड़ के नियंत्रित करे खातिर रेलवे में मंथन सुरू हो गइल बा। मानल जा रहल बा कि एक जनवरी से जब ट्रेनन के नया समय सारिणी जारी होई, तब ओहि के संगे ई नया बेवस्था लागू हो सकत बा। हालांकि, अफसर एह पs खुलके बोले के तइयार नइखे हो रहल लो।
चरचा बा है कि ट्रेन के कुल आरक्षित सीटन के सापेक्ष 10 प्रतिशत से जादे अधिक सीटन पs आरक्षित टिकट जारी होई। बाद में जदि सीट कंफर्म ना होई तs एह टिकटन के आरएसी में कन्वर्ट कs दिहल जाई, कि प्रत्येक यात्री के टिकट मिल सकी।
दिल्ली-मुंबई जाये वाला यात्रियन के गोरखपुर से कवनो ट्रेन के आरक्षित टिकट कम से कम एक हफ्ता पहिले बुक करावे के होई, तबे जाके सीट मिलला के गुंजाइश रहेला। कुछ लोग तs दु से तीन महीना पहिलही आरक्षण करा लेला।
जेकर सीट कंफर्म ना मिलेला, ऊ वेटिंग टिकट पs यात्रा करे पहुंच जाला, जबकि रेलवे के नियमन के अनुसार वेटिंग टिकट पs यात्रा नइखे हो सकत। गोरखपुर स्टेशन पs अइसही यात्रियन के जांच कs के आरक्षित बोगी से उतारल जा रहल बा।
स्लीपर, एसी थर्ड आ एसी सेकेंड के हर कोच में 16 सीटन पs आरएसी (रिजर्वेशन एंगेस्ड कैंशिलेशन) होला। आरएसी के इस्थिति में एगो सीट पs दुगो यात्रियन के बइठे के जगह दिहल जाला। एमे से जदि केहू के टिकट कैंसिल भा अपग्रेड होत बा तs दूसरा यात्री के पूरा सीट मिल जाला।
कहल जा रहल बा कि एह पs विचार कइल जा रहल बा कि कुल सीटन के सापेक्ष 10 प्रतिशत से जादे आरक्षित टिकट जारी कइल जाई, ताकि जरूरत के मोताबिक सीट कंफर्म कइला से बचल यात्रियन के आरएसी में सीट उपलब्ध करा दिहल जाव।