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आज हs नवरात्रि के पांचवां दिन, नोट कs लीं स्कंदमाता के पूजा विधि, मंत्र, आरती आ भोग

09:06 AM Oct 07, 2024 IST | Minee Upadhyay
स्कंदमाता: फोटो
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आज माँ दुर्गा के पांचवा रूप यानी स्कंदमाता के पूजा होई। मानल जाला कि भगवती के स्कंद रूप के पूजा कइला से आदमी के सगरी इच्छा पूरा हो जाला आ मोक्ष के राह भी सहज हो जाला। इहो मानल जाला कि सच्चा मन से पूजा कइला से लइका के जनम होला। बता दीं कि देवी स्कंद के गौरी, महेश्वरी, पार्वती आ उमा के नाम से भी जानल जाला। माई के इs रूप कमल के फूल पs बईठ बा, एहीसे उनुका के पद्मासन देवी भी कहल जाला। देवी दुर्गा के एह रूप के वर्णन देवी पुराण आ स्कंद पुराण में मिलेला, बेटा नियर अपना भक्तन पs प्रेम के बरसात करे वाली स्कंदमाता के पूजा विधि, मंत्र आ प्रसाद का हs, एह लेख में बतावल जानीं।

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स्कंदमाता के पूजा कईसे कईल जाला?  

- ब्रह्म मुहूर्त में नहा के साफ कपड़ा पहिरी।

- एकरा बाद चटाई पसार के पूजा करे बईठ जाइ।

-ओकरा बाद गंगा जल से माई भगवती के मूर्ति के स्नान

कराइ.

-फेर माई के मूर्ति पs कुमकुम लगाईं।

- एकरा बाद देवी के भोग चढ़ाई।

- अंत में माई के आरती आ मंत्र से पूजा पूरा करीं।

का चढ़ावे के बा? माई स्कंदमाता के भोग

- स्कंदा माता के केला आ खीर चढ़ा सकेनी। ई दुनु

उनका बहुते प्रिय बा.

माई के कवन रंग पसंद बा? 

देवी के पांचवा रूप के सफेद रंग बहुत पसंद आवेला।

स्कंद माता आरती 

जय तेरी हो स्कंद माता। पांचवा नाम तुम्हारा आता।।

सब के मन की जानन हारी। जग जननी सब की महतारी।।

तेरी ज्योत जलाता रहूं मैं। हरदम तुम्हें ध्याता रहूं मैं।।

कई नामों से तुझे पुकारा। मुझे एक है तेरा सहारा।।

कही पहाड़ो पर हैं डेरा। कई शहरों में तेरा बसेरा।।

हर मंदिर में तेरे नजारे। गुण गाये तेरे भगत प्यारे।।

भगति अपनी मुझे दिला दो। शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो।।

इंद्र आदी देवता मिल सारे। करे पुकार तुम्हारे द्वारे।।

दुष्ट दत्य जब चढ़ कर आएं। तुम ही खंडा हाथ उठाएं।।

दासो को सदा बचाने आई। ‘चमन' की आस पुजाने आई।।

पूजा के अंत में क्षमा प्रार्थना जरूर पढ़े

अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेऽहर्निशं मया।

दासोऽयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वरि॥1॥

स्कंदमाता पूजन मंत्र 

•ॐ ऐं ह्रीं क्लीं स्कन्दमातायै नम:

•या देवी सर्वभू‍तेषु मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

मंत्र जाप विधि 

मां स्कंदमाता के मंत्रन के जाप 108 बार करे के चाहीं.

 

 

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FaithSkandmata MantraSkandmata Puja Vidhi
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