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नवरात्रि के नवमी पs माई सिद्धिदात्री के होला पूजा, नोट कs लीं पूजन विधि आ मंत्र

07:38 AM Oct 11, 2024 IST | Minee Upadhyay
नवरात्रि के नवमी पs माई सिद्धिदात्री के होला पूजा  नोट कs लीं पूजन विधि आ मंत्र
माई सिद्धिदात्री ;फोटो
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नवरात्रि के समाप्ति माँ दुर्गा के नौवां रूप माँ सिद्धिदात्री के पूजा से होला। नव दुर्गा में माई सिद्धिदात्री आखिरी माई के नाव हs। धार्मिक मान्यता के अनुसार माई सिद्धिदात्री भक्तन के सब मनोकामना पूरा करेली आ साथ ही साथ यश, बल आ धन भी प्रदान करेली। शास्त्र में माई सिद्धिदात्री के सिद्धि आ मोक्ष के देवी मानल जाला। माँ सिद्धिदात्री के 8 गो सिद्धि बाड़ी - अणिमा, महिमा, प्राप्ति, प्रकाम्य, गरिमा, लघिमा, ईशित्व आ वशित्व। माई सिद्धिदात्री महालक्ष्मी जइसन कमल पs बइठल बाड़ी। माई के चार हाथ बा। माई के हाथ में शंख, गदा, कमल के फूल आ चक्र बा। माई सिद्धिदात्री के भी माई सरस्वती के रूप मानल जाला। माँ सिद्धिदात्री भक्त आ साधक लोग के ई सब उपलब्धि उपलब्ध करावे में सक्षम बाड़ी। भगवान शंकर के इs उपलब्धि सिर्फ उनुका कृपा से ही हासिल भईल रहे। शक्ति के परम देवी आदि-परशक्ति भगवान शिव के बाईं ओर से सिद्धिदात्री के रूप में प्रकट भइली। देवी सिद्धिदात्री के पूजा करके हर तरह के उपलब्धि प्राप्त होला।। एही कारण से उs लोग के बीच अर्धनारीश्वर नाम से प्रसिद्ध हो गईले। सिद्धिदात्री माई भगवती के भक्त के भीतर सब इच्छा के पूरा करेली.

मां सिद्धिदात्री पूजा-विधि

सबेरे सबेरे उठ के नहा केसाफ कपड़ा पहिरे के चाहीं। माई भगवती के मूर्ति के गंगा जल या शुद्ध जल से स्नान कराए के चाही।माई के सफेद रंग के कपड़ा चढ़ाई। धार्मिक मान्यता के अनुसार माई के सफेद रंग पसंद बा।माई के नहाए के बाद उज्जर फूल चढ़ाई। माई पs रोली कुमकुम लगाईं। माई के मिठाई, मेवा आ फल अर्पित करीं।

माता सिद्धिदात्री के प्रसाद, नवरस युक्त भोजन, नौ प्रकार के फूल आ मात्र नौ प्रकार के फल चढ़ावल जाला।माई सिद्धिदात्री के मौसमी फल, चना, पूरी, खीर, नारियल आ हलवा के बहुत शौक बा। कहल जाला कि महतारी के एह सब चीजन के चढ़ा के ऊ सुखी हो जाले।देवी सिद्धिदात्री के यथासंभव ध्यान करीं। साथ ही माई के आरती भी करी।नवमी के दिन कन्या पूजा के भी खास महत्व बा। साथ ही एह दिन लइकी के पूजा करीं।

पूजा मंत्र

सिद्धगन्‍धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि,

सेव्यमाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।

ओम देवी सिद्धिदात्र्यै नमः।

अमल कमल संस्था तद्रज:पुंजवर्णा, कर कमल धृतेषट् भीत युग्मामबुजा च।

मणिमुकुट विचित्र अलंकृत कल्प जाले; भवतु भुवन माता संत्ततम सिद्धिदात्री नमो नम:।

माई सिद्धिदात्री बीज मंत्र

ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:।

माई सिद्धिदात्री प्रार्थना मंत्र

सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।

सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।

माई सिद्धिदात्री स्तुति मंत्र

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।

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