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बिहार के धान किसान लो खातिर नीतीश सरकार खोललस खजाना, अब हर क्विंटल पऽ मिली बोनस; बमबम करीहें किसान 

11:56 AM Aug 09, 2024 IST | Sonu Kishor
बिहार के धान किसान लो खातिर नीतीश सरकार खोललस खजाना  अब हर क्विंटल पऽ मिली बोनस  बमबम करीहें किसान 
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बिहार के धान किसान के पैक्स आ व्यापार मंडल के धान बेचे प बोनस दिहल जाई। एह पs सहकारी आ खाद्य आपूर्ति विभाग में सहमति जतवलस आ वित्त विभाग के मंजूरी मिलला के बाद ई प्रस्ताव राज्य सरकार के भेजल जाई।

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बिहार के धान किसान लो खातिर बड़ खबर बा। नीतीश कुमार के सरकार ओह लोग के धान बेचे पs बोनस दी। ई बोनस पैक्स आ व्यापार मंडल दुनु में धान बेचे पs मिल जाई। एकरा खाती सहकारिता विभाग अउरी खाद्य आपूर्ति अवुरी उपभोक्ता संरक्षण विभाग के बीच समझौता हो चुकल बा। वित्त विभाग के मंजूरी अबहीं नइखे मिलल, ओकरा बाद ओकरा के राज्य सरकार के भेज दिहल जाई। असल में बिहार सरकार के लक्ष्य बा कि किसानन के धान के उचित दाम मिल जाव आ ओह लोग के आपन उपज बेचे खातिर प्रोत्साहित कइल जाव।

झारखंड आ छत्तीसगढ़ में बोनस दिहल जाला

बता दीं कि पछिला साल पड़ोसी राज्य झारखंड आ छत्तीसगढ़ में धान के सरकारी खरीद पs किसान के बोनस दिहल गइल रहे, जवना के बाद बिहारो में धान के मांग बढ़त रहे। सहकारिता विभाग के बैठक में एह प्रस्ताव पर विस्तार से चर्चा भइल। मंत्री प्रेम कुमार कहले कि एह मामला में अंतरविभागीय समन्वयो बनावल जाता। सरकारी स्तर पs सहमति बनावे के आगे के प्रयास कइल जाई।

धान खरीदला पs खाद्य आपूर्ति विभाग से राशि मिल जाला। एहसे अंतिम फैसला खाद्य आपूर्ति विभाग के स्तर पs लिहल जाई। असल में विभाग धान के खरीद बढ़ावे खातिर आ किसानन के धान के अधिका दाम देबे खातिर एह पर विचार करत बा। पिछला साल बिहार में धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य 2183 रुपया प्रति क्विंटल रहे, जबकि बाजार के दाम 2200 से 2400 रुपया प्रति क्विंटल के बीच रहे। झारखंड के किसान के 117 रुपया के बोनस के संगे 2300 रुपया प्रति क्विंटल अवुरी छत्तीसगढ़ में 917 रुपया के बोनस के संगे 3100 रुपया प्रति क्विंटल दिहल गइल।

2024 में सरकारी खरीद कम रहल

बतावल जाता कि बिहार सरकार के बोनस ना देवे के चलते किसान व्यापारी के धान बेचल पसंद कइले। इहे कारण बा कि साल 2024 में सरकारी खरीद लक्ष्य से बहुत कम रहे। ए साल बिहार में मात्र 30 लाख मीट्रिक टन धान के खरीद हो सकत रहे, जबकि पिछला साल इ आंकड़ा 42 लाख मीट्रिक टन रहे। अब उमेद बा कि बोनस के एलान से किसानन के अपना उपज के उचित दाम मिल पाई। इहे ना, एकरा से ना खाली एओ लोग के आमदनी में बढ़ोतरी होई, बलुक राज्य में धान के उत्पादनो में बढ़ोतरी होई।

सहकारिता विभाग के बइठक में एह सब विषय पऽ चर्चा भइल

सहकारिता विभाग के एही बइठक में आउर कई गो महत्वपूर्ण मुद्दा पर भी चर्चा भइल। एह बइठक में सब्जी उत्पादन आ प्रसंस्करण समिति, संघ आ महासंघ में कर्मचारी के बहाली खातिर नया नीति बनावे के फैसला कइल गइल। एकरा तहत जल्दिए बहाली शुरू कऽ दिहल जाई। एकरा अलावा 20 जिला में आलू अवुरी टमाटर के विशेष किस्म के खेती के बढ़ावा देवे खातिर पौधा अवुरी बीज खरीदे के योजना बा। हालांकि राज्य में मक्का के खरीद के लेके कुछ समस्या सामने आइल बा।

एह साल मक्का खरीद के जिम्मेवारी राष्ट्रीय सहकारिता उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) के दिहल गइल रहे, बाकिर एनसीसीएफ के उदासीनता के चलते मक्का के खरीद पs असर पड़sता। एकरा अलावे राज्य में 205 गो नया गोदाम के निर्माण के मंजूरी मिल गइल बा।

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