खाली उत्तराखंड में ना... यूपी में भी बाबा नीम कारौरी बाबा के बड़का धाम, पहिला बेर इंहा देखल गइल चमत्कार ,जानी कहानी
फर्रुखाबाद : उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिला में स्थित नीम करौरी बाबा धाम के संबंध में कई तरह के मान्यता आ परंपरा प्रचलित बा। एह पवित्र आ धार्मिक जगह के महत्व के अंदाजा एह बात से लगावल जा सकेला कि हफ्ता में दू दिन एहिजा मेला के आयोजन होला ।
जानकारी के मुताबिक कहल जाता कि बाबा भक्त के हर इच्छा पूरा करेले आ भक्त के दुख भी दूर करेले। इहे कारण बा कि हजारों भक्त इहाँ आके बाबा के आशीर्वाद लेवेले।
जानि नीम करौरी धाम के का कहानी बा?
मन्याता के मुताबिक बाबा ट्रेन से जात रहले कि ट्रेन में सफर के दौरान चेकिंग होखे लागल। टिकट ना मिलला के चलते बाबा के ट्रेन से रोक के उतार दिहल गइल। ट्रेन से उतरला के बाद ऊ पटरी से दूर बईठ गइले। बाबा के उतरला के बाद जसही ड्राइवर ट्रेन के आगे बढ़ावे के कोशिश कइलस, ट्रेन स्टार्ट ना भइल। ड्राइवर हॉर्न दे दिहलस बाकी कई बेर कोशिश कइला के बादो ट्रेन आगे ना बढ़ पावल, बहुत देर बाद भी जब ट्रेन स्टार्ट ना भइल तs ड्राइवर रेलवे अधिकारी के सूचना देले। कुछ ना समझत रेलवे अफसर बाबा के कुछ दूर बईठल देख के उनका लगे पहुंचले, आदर से माफी मंगले आ कहले कि बाबा जी, कृपया ट्रेन में आ जाई, बाकी बाबा जी मना कs देले आ कहले कि उ ना जईहे । एह दौरान बाबा लक्ष्मण दास जी भी एगो शर्त रखले आ कहले कि रउआ लोग एह जगह पर स्टेशन बनाईं ताकि इहाँ आवे वाला श्रद्धालु लोग के कवनो असुविधा के सामना ना करे के पड़े।
हफ्ता में दू बेर मेला लागेला
बाबा लक्ष्मण दास के शर्त के स्वीकार करत ई स्टेशन रेलवे बनल रहे। बाबा लक्ष्मण दास पास के गाँव में पहुँच के उहाँ आपन आश्रम बनवले। पास में एगो गुफा बना के ओहिजा ध्यान करे लगले। रोज नजदीक के इलाका के लोग ओहिजा आके आपन परेशानी आ समस्या बतावे लगले आ उनका से बनल मनोकामना भी पूरा होखे लागल। तब से आज ले राज्य के साथे-साथे अन्य राज्यन से भी हजारों भक्त इहाँ आवेले। वर्तमान समय के बात कइल जाए त सप्ताह के मंगलवार आ शनिवार के नीम करौरी धाम में मेला के आयोजन कइल जाला, जवना में हजारों श्रद्धालु पहुंचेले।
जानी नीम करोरी धाम कइसे पहुँचल?
सबसे पहिले रउवा फर्रुखाबाद पहुंचेनी, इहाँ से दूरी 27 किलोमीटर बा जवना खातिर रोज सीधा ट्रेन नीम करौरी धाम तक जाला, जवना से होके रउवा पहुंच सकेनी। एकरा अलावे सड़क पs भी गाड़ी लगातार आवे-जाहि होला। रोड़वेज से भी सुविधा से रउवा धाम चहुप सकत बानी ।