अब दुनिया के मिली भोजपुरी कैलेंडर, दिसम्बर आ जनवरी गायब हो जाई, खासियत जानीं
ई पंचांग मुख्य रूप से भोजपुरी में तइयार हो रहल बा । कैथी आ हिन्दीयो रही, ताकि लोग के समझे में कवनो दिक्कत ना होखे।
भोजपुरी फिल्म आ गाना के बाद अब बिहार के भोजपुरी कैलेंडर मिलऽ जाई। भोजपुरी कैलेंडर आरा के भोजपुरिया कलाकार संजीव कुमार आ उनकर टीम तइयार करऽ रहल बाड़े । पहिला बेर हिंदी, अंगरेजी आ ठाकुर पंचग के अलावे भोजपुरी कैलेंडर तइयार हो रहलऽ बा । 10 दिन के भीतर बीएचयू में एकर उद्घाटन होई अउऽरी एकर प्रचार भी होई।
भोजपुरी संस्कृति के बढ़ावा देवे खातिर भोजपुरी पंचांग के तैयारी भोजपुरिया चित्रकला आ कला पs काम करे वाला संजीव कुमार कs रहलऽ बाड़े। ई पंचांग मुख्य रूप से भोजपुरी में तइयार हो रहल बा । कैथी आ हिन्दीयो रही, ताकि लोग के समझे में कवनो दिक्कत ना होखे। एह कैलेंडर में साल जनवरी से ना बलुक चइत (मार्च) से शुरू होखी आ आखिरी महीना फागुन (फरवरी) होखी । तारीख के संगे अमावस्या, पूर्णिमा जईसन दिन के जिक्र होई। एह में भी दू तरह के कैलेंडर तइयार कइलऽ जा रहलऽ बा। एगो दीवार कैलेंडर आ दूसरा टेबल कैलेंडर देखावल जा रहल बा। सबसे ऊपर ब्रह्मा, विष्णु, महेश, लक्ष्मी गणेश के चित्र के भोजपुरी चित्रकला के तहतऽ जगह दिहलऽ गइलऽ बा। राशि चारो ओर सीमा पs दिहलऽ जाला। एकरा अलावे बीच में किसान के देखावल गईल। अंत में सातों देवी शीताला, काली आ वन के चित्र के भोजपुरी कला दिहलऽ गइलऽ बा ।