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अब जीये के मन ना करे... जब मल्लिकार्जुन खरगे अचानक सदन में भावुक हो गइले? फेरु ऊ भावुक हो का कहले ?

12:56 PM Jul 31, 2024 IST | Khabar Editor
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मल्लिकार्जुन खड़गे समाचार : राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे आज भावुक हो गइले। पहिले ऊ घनश्याम तिवारी के आरोप पर भावुक हो गइलन आ फेर ऊ जोर से कहलन कि जदी हम भतीजावाद के मुद्दा पर आ जाईं तs बहुते लोग एहिजा से चलि जइहें । एह से उनकर बयान स्पंज (हटावे) के चाहीं।

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संसद के सत्र के दौरान आज राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे के एगो अलग रूप देखल गइल । राज्यसभा में विपक्ष के नेता पहिले अचानक भावुक हो गइले, फेर बोलत-बोलत भावुक हो गइले। असल में मंगल के दिने राज्यसभा में भाजपा नेता घनश्याम तिवारी के टिप्पणी से खरगे आहत हो गइलन। भाजपा सांसद घनशियन तिवारी मल्लिकार्जुन खरगे के नाम पs कुछ टिप्पणी कइले रहले आ उनका पs भतीजावाद के आरोप लगवले रहले। जब राज्यसभा के कार्यवाही शुरू भइल तs मल्लिकार्जुन अपना सीट से उठ के कहले कि उनकर माई-बाबूजी बहुते सोच समझ के उनकर नाम दिहले बाड़न ।

मल्लिकार्जुन राज्यसभा में कहले कि उनकर पिता ध्यान से विचार कइला के बाद उनकर नाम रखले बाड़े। उनकर पिता चाहत रहले कि उनकर बेटा के नाम 12 ज्योतिर्लिंग में से एगो होखे। घनश्याम तिवारी के नाम से कवन दिक्कत बा कि ऊ ई बात कहले? घनश्याम तिवारी भी भतीजावाद के आरोप लगवले बाड़े, जबकि ऊ अपना परिवार के पहिला सदस्य बाड़े जवन राजनीति में उतरल बाड़े।

परिवारवाद के आरोप पs राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन कहले कि, 'घनश्याम तिवारी जी काल्ह एगो समस्या उठवले, जब हम सदन में ना रहनी।' राजनीति में हमार ई पहिला पीढ़ी हs। एकरा पीछे हमार बाबूजी ना रहले। माई उहाँ ना रहली। बाबूजी हमरा के पोसले बानी। उहाँ के आशीर्वाद लेके हम इहाँ पहुंच गइल बानी। हमार 85 साल बीत गइल।

खरगे काहे कहले जिए के मन नइखे करत

एह पर अध्यक्ष जगदीप धनखर कहले कि रउरा अउरी दिन जियब । रउरा एकरा से भी आगे बढ़ जाईं। एह पर खर्गे कहले कि सभापति, हम अब एह माहौल में जिए के नइखी चाहत। हमरा बुरा लागल कि तिवारी जी कहले कि हम भतीजावाद से हईं। मल्लिकार्जुन शिव के नाम हs। ई 12 ज्योतिर्लिंग में से एगो हs। बाबूजी बहुत सोच-विचार के बाद नाम देले रहनी। बाकिर हम अपना परिवार से अकेले राजनीति में अइनी । पता ना इनकर समस्या का बा। हमरा बारे में अइसन काहे कहले?'

काहे भावुक  हो गइले

एकरा बाद मल्लिकार्जुन भावुक हो गइले। ऊ कहले कि हमार पूरा परिवार राजनीति में बा। खरगे कहले कि जदी हम एकरा के परिवारवाद पs जारी करीं तs इहाँ बहुत लोग बईठल बाड़े। आँख के सोझा, बगल में बाड़े। हमरा आसपास हर जगह बा। हम चाहतानी कि उनकर बयान स्पंज होखे।' हालांकि उनकर मंशा खरगे के चोट पहुंचावे के ना रहे। तबो हम बारीकी से पढ़ाई करब।

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