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गणेश नाथ तिवारी‘विनायक' के कलम से रचना "पसीनवे से बहल जाता भरल जवानी"

11:45 AM Jun 14, 2024 IST | khabar Bhojpuri Desk
गणेश नाथ तिवारी‘विनायक  के कलम से रचना  पसीनवे से बहल जाता भरल जवानी
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झिल्लिये में खाना बा झिल्लिये में पानी

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पसीनवे से बहल जाता भरल जवानी।।

अरब के कमाई पाके सभे अगराला
खरचा फोटानी नही तनिको रोकाला
बबुआ के झर गइल कपरा के चानी
पसीनवे से बहल जाता भरल जवानी।।

रुपिया के मरम खाली उनुके बुझाला
पाई पाई जोड़ के कइसे भेजाला
आवे जब घरे तब पुछिहs कहानी
पसीनवे से बहल जाता भरल जवानी।।

पर परिवार के उ सुख नाही पवले
सगरो जवानी उ अरब में बितवले
भइले रिटायर घरे भइल ना बखानी
पसीनवे से बहल जाता भरल जवानी।।

झिल्लिये में खाना बा झिल्लिये में पानी।
पसीनवे से बहल जाता भरल जवानी।।

  • गणेश नाथ तिवारी"विनायक"

परिचय

गणेश नाथ तिवारी ‘विनायक’ पेशा से इंजिनियर बाकिर भोजपुरी साहित्य से लगाव के कारने इहाँ के भोजपुरी में गीत कविता कहानी लिखत रहेनीं| भोजपुरी भासा से गहिराह लगाव राखे आला एगो अइसन मनई जेकर कलम जुवा सोच के बढिया सबदन में सजावेला| इहाँ के कइ गो कविता ‘आखर ई पत्रिका’, ‘सिरिजन तिमाही पत्रिका’ आदि में छपात रहेला| ‘जय भोजपुरी जय भोजपुरिया’ के संस्थापक सदस्यन में से एक गणेश जी भोजपुरी खातिर बेहतरीन काम क रहल बानीं|

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