संतुलित सेहत : माई बनले में बड़हन रुकावट बनेला ई बेमारी, जानीं का हs PCOS के लक्षन आ महिला लो एसे कइसे बचिहें?
पीसीओएस (PCOS) महिला में होखे वाला एगो बहुते कॉमन बीमारी बन चुकल बा। हार्मोंस से जुड़ल एs बीमारी के खास वजह स्ट्रेस आ लाइफस्टाइल के मानल जाला। कई बेर डॉक्टर एके जेनेटिको मानेला । PCOS के सबसे गंभीर बात ई हs कि इहो शुगर , ब्लड प्रेशर के तरह लाइफस्टाइल डिजीज मानल जाला । एक बेर ई बीमारी हो जाए तs एके पूरी तरह ठीक नाहीं कइल जा सकेला । हालांकि दवा, खानपान आ एक्सरसाइज से एके काफी हद ले मैनेज कइल जा सकेला। PCOS के लक्षन , ई बीमारी काहें होला ,आ अगर हो जाए तs कइसे एके बैलेंस कइल जाए? आईं जानीं।
PCOS यानि पॉलीसिस्टिक ओवरीज सिंड्रोम, जेमें ओवरी में सिस्ट यानि छोट छोट गांठ बन जाला। पिछिले कुछ साल में महिला में ई समस्या तेजी से बढ़ल बा। आंकड़न के मुताबिक ई बीमारी एतना गंभीर हो गईल बा कि देश के हर 10 महिला में से 4 महिला PCOS से ग्रसित बिया। PCOS के बढ़त मामिल के वजह से हर साल सितंबर में PCOS जागरूकता अभियान चलावल जाला । जेसे महिला एs बेमारी के बारे में अच्छा तरह जान सकें आ ओसे बचाव कईल जा सकें।
का हs PCOS समस्या?
ई एगो हार्मोन से जुड़ल बीमारी हs, जेकरे कारन महिला के यूट्रेस में छोट गांठ बन जाला , जेके सिस्ट कहल जाला। PCOS होखले पs समय पs पीरियड्स के ना आवल, पीरियड साइकल में बदलाव आइल, लंबा टाइम में पीरियड्स आवल सबसे कॉमन लक्षण हs। साथे ही चेहरा पs ढेर बाल होखल, मुंहासा आ मोटापा एकर मुख्य लक्षण हs। ई समस्या युवा लईकी से लेके 30 साल ले सबसे ढेर होला ।
मां बनले में रुकावट पैदा करेला PCOS
PCOS के सबसे बुरा असर प्रजनन क्षमता पs पडेला। दरअसल PCOS में पीरियड्स इरेगुलर होला आ ई होखे से रिप्रोडक्शन ऑर्गन पs असर पड़ेला जेकरे वजह से PCOS के बीमारी होखे पs प्रेगनेंट होखे में समस्या आ सकेला। एs बेमारी के होखे के कवनो ठोस वजह सामने नाहीं आवेला , काहेकी डॉक्टर के मुताबिक तनाव में रहल, खराब लाइफस्टाइल लीड कइल आ कई बेर जेनेटिक वजह से पीसीओएस के बीमारी हो सकेला ।
PCOS से कइसे बची
अगर राउर पीरियड्स इरेगुलर बा, चेहरा पs बाल ढेर बा, मुंहासा आ मोटापा के समस्या बा तs एक बेर एs बीमारी के बारे में डॉक्टर से जरूर परामर्श लेंईं। डॉक्टर ब्लड टेस्ट आ अल्ट्रासाउंड के मदद से एs बेमारी के डाइग्नोस कs सकेला। PCOS होखे पs डॉक्टर के बतावल दवाई खइले के साथे-साथे रुटीन में बदलाव करीं। आपके रोजाना फिजिकल एक्टिविटी जरूर करे के चाहि। हेल्दी डाइट, समय पs भरपूर नींद आ तनाव से दूर रह के आप एs बेमारी के कम कs सकेनी । एकरे अलावा पीसीओएस के मेंटेन रखे के खातिर हेल्दी लाइफस्टाइल अपनावल जरूरी होला ।
(ई आर्टिकल सामान्य जानकारी खातिर हs, कवनो उपाय के अपनावे से पहिले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लेंईं)