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Bihar: प्रशांत किशोर लॉन्च कइले ‘जन सुराज पार्टी’, मनोज भारती बनले कार्यकारी अध्यक्ष

10:35 PM Oct 02, 2024 IST | Minee Upadhyay
bihar  प्रशांत किशोर लॉन्च कइले ‘जन सुराज पार्टी’  मनोज भारती बनले कार्यकारी अध्यक्ष
प्रशांत किशोर: फोटो
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चुनावी रणनीतिकार से राजनीतिज्ञ बनल प्रशांत किशोर बुध के दिने जन सुराज पार्टी’ के नाम से आपन राजनीतिक पार्टी बनावे के एलान कइलन. इs एगो बहुप्रतीक्षित कदम बा, जवना के माध्यम से उs बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में बड़ बदलाव ले आवे के उम्मेद करतारे।

किशोर मधुबनी में जनमल भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी रहल मनोज भारती के पार्टी के कामकाजी अध्यक्ष नियुक्त कईले अवुरी कहले कि भारती मार्च ले एs पद पs रहीहे। पार्टी के संगठनात्मक चुनाव मार्च में करावल जाई। किशोर इs घोषणा बुध के पटना के पशु चिकित्सा महाविद्यालय के मैदान में आयोजित एगो कार्यक्रम के दौरान कईले।

एह दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव, राजनयिक से राजनीतिज्ञ बनल पवन वर्मा अवुरी पूर्व सांसद मोनाजिर हसन समेत बहुत जानल मानल हस्ती मौजूद रहले। चंपारण से राज्य ले तीन हजार किलोमीटर से अधिका लंबा ‘पदयात्रा’ शुरू कईला के मात्र दु साल बाद किशोर इs पार्टी बनवले, जवना के मकसद राज्य में जनता के ‘नया राजनीतिक विकल्प’ देके संगठित कईल बा।

चंपारण से ही महात्मा गांधी देश के पहिला “सत्याग्रह” के शुरुआत कइले। एह मौका पs आई-पैक के संस्थापक किशोर कहले कि, जन सुराज अभियान के मकसद बिहार के जनता के समझावल बा कि उs लोग के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा अवुरी रोजगार के मौका नईखे मिल पावल, काहेंकी उs लोग एs मुद्दा पs कबहूँ वोट ना देले। कुछ लोग हमनी के मजाक उड़ा सकेला आ पूछ सकेला कि हमनी के पलायन रोके जइसन वादा कइसे पूरा करब जा. बाकिर हमनी के लगे एगो खाका बा.”

किशोर कुछ साल पहिले राजनीतिक परामर्श के काम छोड़ देले रहले। उs कहले कि, राज्य में शिक्षा में सुधार खातीर हमनी के चार लाख करोड़ से जादे के जरूरत होई। हमनी के निषेध कानून के खतम कs के पईसा जुटावेम। शराबबंदी के चलते हर साल 20 हजार करोड़ रुपया के घाटा होखता। हम फेर कहतानी कि जन सुराज के सत्ता में अईते एक घंटा के भीतर शराबबंदी खतम हो जाई।”

कहल जात बा कि किशोर अपना मार्गदर्शक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एह कदम के कड़ा आलोचक हउवें.

उs कहले कि, हमनी के विशेष दर्जा के खोखला नारा नईखी चाहत। बाकिर हमनी के बैंकन के बाध्य कs देब जा कि राज्य के जनता के जमा बचत के अनुपात में राज्य के पूंजी उपलब्ध करावल जाव. फिलहाल लागता कि बिहारी लो के जवन पईसा बचावल गईल बा, ओकर इस्तेमाल कहीं अवुरी होखता।

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