प्रेमानन्द महाराज बिलाई के रास्ता काटला पऽ कहलें इ बात
बहुत लोग के मानना बा कि जब बिलाइ सामने से गुजरेले चाहे रास्ता काट देवेले तऽ ओकरा के बुरा शगुन मानल जाला। बुरा शगुन के मतलब इ बा कि अइसन होखला के बाद आपके संगे कवनो बुरा घटना होखे के संभावना बढ़ जाला। जब बिलाइ रास्ता पार करेले तऽ लोग या तऽ आपन रास्ता बदल जाला, फेर ओह रास्ता से कुछ गुजर जाला ताकि उऽ असर कम हो सके, भा ओकरा के गुजरे देला आ फेर ओह राह पs चलेला, बाकिर ई मानल सही बा कि गलत केहू के नइखे एकरा बारे में सही जानकार नइखे। प्रेमानंद महाराज अपना एगो प्रवचन के दौरान बहुत बढ़िया जवाब देले बाड़े कि बिलाइ के राउर रास्ता पार कइल शुभ बा कि अशुभ अउरी बिलाई राउर रास्ता पार कऽ गइल तऽ का करे के चाही।
इ सवाल महाराज जी से पूछल गइल
प्रेमानंद महाराज से मिले खातिर जवनो भक्त लो आवेला, उनका से बहुत लोग सवाल पूछेला, एह में से बहुत सवाल बहुत जटिल बा आ अइसन बहुत सवाल बा जवन कि बहुत आम बा, बाकिर इ सवाल अपने आप में बहुत जरूरी बा।
एह सवाल जवाब के श्रृंखला में एगो व्यक्ति प्रेमानंद महाराज से पूछले कि बहुत लोग के मानना बा कि जब बिलाइ रास्ता पार करेले तऽ उऽ अशुभ होखेला आ का कवनो भक्त के अंधविश्वास से डेराइल सही बा कि गलत?
महाराज जी जवाब देले
भक्त के सवाल पऽ प्रेमानंद महाराज जवाब देले कि जे बुरा शगुन के मानेला, ओकरा सब चीज़ आ सभ घटना में बुरा शगुन के एहसास होखे लागेला। केहू छींक लेव तबो ओकरा बुरा शगुन के डर लागेला।
एह सवाल के जवाब देत महाराजजी इहो कहले कि दुनिया के सभ बुरा शगुन एक संगे आ गइल तबो आपके नुकसान नइखे पहुंचा सकत, जदी आपके मन अउरी मुंह में भगवान के नाम हमेशा बनल रहे।
जदि कवनो बिलार राउर रास्ता पार कऽ जाव तऽ का कइल जाव?
प्रेमानंद जी महाराज के मुताबिक आदमी के हर जीव के भगवान के प्रतीक मान लेवे के चाही, अइसन इस्थिति में जदी बिलाइ रास्ता काट देले तऽ ओ आदमी के डेराए के कवनो जरूरत नइखे। डरे आ बुरा शगुन के चिंता करे के बजाय बिल्ली के परनाम करत आ भगवान के नाम लेत ओहि रास्ता से निकल जाए के चाहीं।