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प्रिया शर्मा के लेखा रउरो अपना दादा आ परदादा के राखल दस्तावेज से टटोलत बानी, का जाने भाग्य पs लागल ताला खुल सकेला!

02:06 PM Aug 04, 2024 IST | Khabar Editor
प्रिया शर्मा के लेखा रउरो अपना दादा आ परदादा के राखल दस्तावेज से टटोलत बानी  का जाने भाग्य पs लागल ताला खुल सकेला
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प्रिया के अपना दादा के ई खजाना कुछ साल पहिले मिल गइल रहे, बाकी ए खजाना पs 'लॉक' खोले खातीर उनका बहुत मेहनत करे के पड़ल।

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जदी रउरा घर में रउरा दादा-दादी के कवनो बक्सा भा अटैची बा तs ओकर निरीक्षण जरूर करीं। संभव बा कि प्रिया शर्मा लेखा रउरो ओहमें कुछ ‘खजाना’ मिल जाव आ रउरो प्रिया जइसन करोड़पति बन जाइब। बेंगलुरु के निवासी प्रिया शर्मा के शायद ई खजाना कबो ना मिलित, जदी ऊ कोरोना काल में घरे ना आइल रहती। एक दिन बेकार बइठल अपना दादाजी के राखल कुछ पुरान कागज से टटोले लगली । कुछ समय में उनका हाथ में साल 2004 में उनकर दादा के खरीदल 500 शेयर रहे। दादाजी एह सब के बारे में परिवार में केहू के ना बतवले रहले । शेयर बंटवारा आ बोनस के चलते इ 500 शेयर बढ़ के 4500 हो गइल रहे, जवना के कीमत अब 1.72 करोड़ रुपया हो गइल रहे।

हालांकि, उनकर दादा के ई खजाना कुछ साल पहिले ही मिलल रहे, बाकी ए खजाना पs 'लॉक' खोले खातीर उनका बहुत प्रयास करे के पड़ल। अब पुरनका शेयर से पईसा मिलल आसान ना रहे। प्रिया के मुंबई में प्रोबेट प्रक्रिया शुरू करे के पड़ल। लार्सन एंड टौब्रो से पत्राचार कइले आ शेयर समाधान के मदद लिहले। कई गो औपचारिकता पूरा कइला के बाद आखिरकार प्रिया के अपना दादा के ‘विरासत’ मिल गइल आ ऊ करोड़पति बन गइली ।

बेंगलुरु में रहे वाली प्रिया शर्मा के साल 2020 में कोरोना के चलते घरे लवटे के पड़ल। एक दिन घर के सफाई करत घरी उनकर नजर दादा के सामान पर पड़ल। जिज्ञासा से ऊ एकर जांच करे लगली। कागज के ढेर में जवन मिलल, ई देख के ऊ चौंक गइली। साल 2004 में दादाजी के खरीदल लार्सन एंड टौब्रो कंपनी के 500 शेयर के दस्तावेज भी एह सामान में शामिल रहे। प्रिया अपना दादा के एकमात्र वारिस रहली। ऊ समझ गइली कि अब ए 500 शेयर के कीमत बढ़ गइल होई आ एकर कीमत बहुत बढ़ जादे होई। एकरा बाद का भइल, प्रिया लार्सन एंड टौब्रो के ई शेयर खरीदे लगली।

बहुत पापड़ बेले के पड़ल

एतना पुरान शेयर के पईसा मिलल आसान ना रहे। ऊ मुंबई में प्रोबेट प्रक्रिया शुरू कइली। शेयरहोल्डिंग स्टेटमेंट लेवे खातिर एल एंड टी से संपर्क कइली। कंपनी उनका से बहुत औपचारिकता पूरा करे के कहलस। एकरा बाद ऊ कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से अपना दादा के वसीयत के प्रोबेशन कइली। उनका वसीयत के भी कोर्ट में साबित करे के पड़ी। सब प्रक्रिया पूरा होखे में एक साल लागल आ ओकरा बाद कंपनी उनका के डुप्लिकेट शेयर जारी कs देलस।

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