पुणे में गिलियन-बैरे सिंड्रोम के 22 संदिग्ध मामला आइल सामने, ज्यादातर पेशेंट के 12 से 30 के बीच उमिर
महाराष्ट्र के पुणे में गिलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के 22 संदिग्ध केस मिलला के बाद नगर निगम के अधिकारी मरीज के विस्तृत जांच कईले बाड़े। मंगल के दिने एगो अधिकारी ई जानकारी दिहलन. अधिकारी बतवले कि पुणे नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग मरीज के नमूना जांच खातीर आईसीएमआर-एनआईवी भेजले बा। नगर निगम के अधिकारी बतवले कि एs मामला में अधिकांश मामला शहर के सिंहगढ़ रोड इलाका से मिलल बा। डॉक्टर के मुताबिक, गिलियन-बैरे सिंड्रोम एगो दुर्लभ स्थिति हs, जवना के विशेषता अचानक सुन्न होखल अवुरी मांसपेशी में कमजोरी होखेला। एकरा संगे एs बेमारी में अंग में बहुत कमजोरी जईसन लक्षण भी देखाई देता।
विशेषज्ञ पैनल के गठन
नागरिक स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख डा. नीना बोराडे शहर के तीन से चार अस्पताल मे जीबीएस के २२ गो संदिग्ध केस मिलल बा । उs कहली कि, पछिला दु दिन में गिलियन-बैरे सिंड्रोम के संदिग्ध मामला के रिपोर्ट आईल बा। बोराडे कहली कि हमनी के विस्तृत जांच शुरू कs देले बानी अवुरी विशेषज्ञ पैनल के गठन कईले बानी। उs कहले कि हमनी के एs संदिग्ध मामला के नमूना भी आगे के जांच खातीर आईसीएमआर-एनआईवी भेज देले बानी।
अधिकांश मरीज के उमर 12 से 30 साल के बीच होखेला
डॉ. बोराडे बतवली कि बैक्टीरिया अवुरी वायरल संक्रमण से आमतौर पs जीबीएस होखेला, काहेंकी एकरा से मरीज के प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाला। उs कहले कि, बच्चा अवुरी युवा दुनो उम्र के लोग के संगे अयीसन हो सकता। हालांकि जीबीएस से कवनो महामारी भा वैश्विक महामारी ना पैदा होई। इलाज के बाद अधिकांश लोग एs स्थिति से पूरा तरीका से ठीक हो जाले।” उ कहली कि, "हमनी के एनआईवी के वैज्ञानिक अवुरी महामारी विज्ञानी समेत विशेषज्ञ के पैनल के गठन कईले बानी। मरीजन पs बारीकी से नजर राखल जाई. अबे घबराए के जरूरत नईखे।”