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Special story : ईंहों के जानी, ईंहों के पहचानी :नवहा भोजपुरिया लेखिका 'आकांक्षा दूबे'

02:25 PM Feb 16, 2024 IST | Minee Upadhyay
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खबर भोजपुरी रउरा सभे के सोझा एगो सेगमेंट लेके आइल बा….एह कड़ी में आजू आईं जानल जाव एगो भोजपुरिया लेखिका 'आकांक्षा दूबे' के बारे में...

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रोहतास वाली नाम से चर्चित आकांक्षा बिहार के रोहतास जिला से बाड़ी । माई के नाव संध्या दुबे आ बाबूजी के नाव अखिलेश दुबे हs। इनकर पालन तs महाराष्ट्र में भइल रहे बाकीर संस्कार आ परिवेश भोजपुरिया परिवेश वाला रहे। 21 बरीस के उमिर में उs आपन भोजपुरिया लेखनी से वाचक के मन मोह लेवे ली।रील टिकटोक के जमाना में जहवा लइकी सन लाइक व्यू ला अबशब्द अश्लील गीतन पs एक्टिंग करेली उहवे आकांक्षा भोजपुरी के सलिल गीतन पs एक्ट कइके साफ सुथर कंटेंट बना के भोजपुरी के असल गरिमा के अपना स्तर से कायम रखले बाड़ी। फिलहाल महाराष्ट्र के ठाणे में रहेली।

नवहा लइकी लोग खातिर आकांक्षा प्रेरणा बाड़ी की आपन दायरा संस्कार में रह के आपन माइभासा भोजपुरी के सोशल मीडिया के माध्यम से प्रस्तुत कइल जा सकता।

आई आकांक्षा के कुछ कीर्ति के पढ़े के-

हमरा सुन परल अंगना में ऊ छागल बजावे अइहे,

मीठ मधुर आवाज से हमके भोरे जगावे अईहे,

राह भटकत एह राही के अपना नेह जाल से,

सरल सटीक अउरी स्पष्ट जीवन के राह देखावे अइहे..!

मन भटकी कही अउर त अपना चूड़ी के खनक सुना के,

मुंह ,नाक चाहे भौंह चढ़ाके अकिल सिखावे अयिहे,

टूट जाईब कबो हार मानके उनके भीरी रोअब,

आसू पोछिहे, गले लगा, हमके समझावे आयिहे..!

मीठ मधुर आवाज से हमके भोरे जगावे अयिहे..!

 

 

चांद ओतना अंजोर ना करे अब तोहरा गइला के बाद,

ना निकले दिनों दिन एक बेर बदरी में लुकइला के बाद,

तोहसे दूर होके ता हम जियो लेती शायद,

पर ई मन मर गइल तोहसे अलग भईला के बाद..!

 

सुनसान मसान नियन कौनो बंजर लागेला,

हम रोकत रहिले हर पल ,

पर मन ता चुंबक लेखा तोहरा पीछे भागेला..!

तोहार सपना तोहार याद मन में लिहले पूरा रतिया जागेला,

ई मन हमरे हा की दोसर के एकर कौनों खबर ना लागेला

पेड़ पौधा चांद तारा आ हवा बेयार त अबो बाटे,

बाकी ना सुघर रहल रात अब तोहरा गईला के बाद..!

 

आस लगाके हर ओर खाली तोहरे के खोजिले,

धधकत हिया के आगी में,हम अपने आप के बोझिले,

भुला गइल बा यार हमके सपना नियन कोनो,

एगो एहिजा हम बानी जे अभियो उन्हीके सोचिले,

साफ सुंदर लौकत रहे हमरा इ दुनिया एकर दावपेच,

सबकुछ धुनधरा गइल बा एगो तोहरे ओझल भइला के बाद..!

भोजपुरिया साहित्य जगत में महिला लो बड़- बड़ काम कs रहल बाड़ी अइसे में नवहा पीढ़ी से लइकी के भागीदारी बहुते गर्व के बात बा।

आज के इs खास सेगमेंट के खास सक्सियत के रउवा जननी अइसने भोजपुरिया माटी के हीरा लोग के रउवा जानत बानी त हमनी के उनका बारे में बताई..।

 

 

 

 

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