Sunita Williams: भारतीय मूल के सुनीता तीसरा बेर अंतरिक्ष में उड़ान भरे खातिर तैयार बाड़ी, कहली - इ घर वापस जाए नियन होई
डॉ. दीपक पांड्या आ बोनी पांड्या के घरे जनमल सुनीता विलियम्स साल 2006 आ 2012 में दू बेर अंतरिक्ष में गइल बाड़ी । विलियम्स दू गो मिशन में कुल 322 दिन अंतरिक्ष में बितवले बाड़ी जवन अपने आप में एगो रिकार्ड बा ।
भारतीय मूल के सुनीता विलियम्स एक बेर फेरु अंतरिक्ष में जाए खातिर तइयार बाड़ी । अबकी बेर बुच विलमोर भी उनका साथे रहीहें । नासा के दू गो अनुभवी अंतरिक्ष यात्री बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान प सवार होके अंतरिक्ष में जाए वाला बाड़े । ई पहिला मानवयुक्त अंतरिक्ष यान होई जवन 7 मई के उड़ान भरी। नासा के मुताबिक, यूनाइटेड लॉन्च एलायंस एटलस वी रॉकेट आ बोइंग स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान के 7 मई के सबेरे 8:04 बजे केनेडी स्पेस सेंटर से प्रक्षेपित कइल जाई।
नया अंतरिक्ष यान में उड़े खातिर उत्साहित
मिशन के संचालन करे वाली सुनीता विलियम्स मीडिया के लोग से बात कइली। उ कहली कि उ तनी घबरा गइल बाड़ी। बाकि नयका अंतरिक्ष यान में उड़ान भरला के लेके उत्साहित बाड़ी। उ आगे कहली कि, जब हम इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन प पहुंचब त इ घर वापसी नियन होई।'
अंतरिक्ष में कुल 322 दिन बिता चुकल बाड़ी
डॉ. दीपक पांड्या आ बोनी पांड्या के घरे जनमल सुनीता विलियम्स एक बेर फेरु से इतिहास रचइहें । ऊ पहिल महिला होखीहें जे मानवयुक्त अंतरिक्ष यान के पहिला मिशन प उड़ान भरली । उ 2006 आ 2012 में दु बेर अंतरिक्ष में गइल बाड़ी। विलियम्स दू गो मिशन में कुल 322 दिन अंतरिक्ष में बितवले बाड़ी जवन अपने आप में एगो रिकार्ड बा ।
इ रिकार्ड भी उनकरे नाम बा
एक समय रहे जब उनकर नाम प एगो अउरी रिकार्ड रहे। उनका लगे एगो महिला अंतरिक्ष यात्री के सबसे जादा स्पेसवॉक टाइम के रिकॉर्ड रहे, काहेंकी उ सात गो स्पेसवॉक में 50 घंटा 40 मिनट बिता देली। सुनीता 14 जुलाई 2012 के आपन दूसरा अंतरिक्ष उड़ान भरले रहली। एकरा बाद उ चार महीना तक अंतरिक्ष में रहली। सुनीता 50 घंटा 40 मिनट तक स्पेसवॉक क के फेर से एगो नाया रिकॉर्ड बनवली। हालांकि एकरा बाद पैगी व्हिटसन दस गो स्पेसवॉक क के आपन रिकार्ड तूड़ दिहली ।
खबर के मुताबिक, सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष यात्रा में भगवान गणेश के मूर्ति, उपनिषद के संगे-संगे समोसा के भी अपना संगे लेके गइल रहली। उनकर दूसरा मिशन 18 नवंबर 2012 के खतम हो गइल।
दू बेर अंतरिक्ष में गइल बाड़ी
सुनीता विलियम्स के पिता गुजरात के मेहसाना जिला के झुलासान में जनमल न्यूरोएनाटॉमिस्ट रहले, बाकी बाद में अमेरिका चल गइले आ बोनी पांड्या से बियाह कइले। फिलहाल सुनीता अब बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान में क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन पायलट बने के तैयारी में बाड़ी। जून 1998 में अमेरिका के अंतरिक्ष एजेंसी नासा में उनकर चयन भइल रहे। उ पहिला बेर 9 दिसंबर 2006 के अंतरिक्ष में गइल रहली। उनका के डिस्कवरी के संगे लॉन्च कइल गइल, जवन कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन प भेजल गइल 14वां शटल रहे। एकरा बाद उनकर दूसरा अंतरिक्ष यात्रा 2012 में शुरू भइल। एकरा बाद उ कजाकिस्तान के बैकोनूर से रूसी रॉकेट सोयुज टीएमए-05एम से उड़ान भरले।
गणेश जी के मूर्ति के संगे ले जाइहे
तीसरी बेर उड़ान भरला से पहिले विलियम्स बतवली कि उ अपना संगे भगवान गणेश के मूर्ति लेके जइहे। ओह लोग के मानना बा कि गणेश जी ओह लोग खातिर भाग्यशाली बाड़न । भगवान गणेश के मूर्ति के अपना संगे लेके खुश हो गइली। एकरा से पहिले सुनीता भगवद गीता के अपना संगे अंतरिक्ष में ले गइल रहली। उ इहो बतवले कि उनका सामसा बहुत पसंद बा।
अपना पिछला उड़ान में ऊ भगवद गीता के प्रतिलिपि अंतरिक्ष में ले के गइल बाड़ी । उ इहो कहली कि उनका समोसा बहुत पसंद बा! इनके अउरी जुनून के अलावा ऊ मैराथन धावक भी बाड़ी आ आईएसएस पर सवार होके मैराथन दौड़त रहली। अपना बाकी शौक के अलावा ऊ मैराथन धावक भी बाड़ी आ आईएसएस में रहत घरी मैराथन दौड़ले रहली।
अंतरिक्ष यात्री बने से पहिले सुनीता कवन काम कइले रहीं?
सुनीता विलियम्स के जनम 19 सितंबर 1965 के ओहियो के यूक्लिड में भइल रहे। 1987 में ऊ अमेरिकी नौसेना अकादमी से भौतिक विज्ञान में स्नातक के डिग्री हासिल कइलें। एकरा बाद उ इंजीनियरिंग मैनेजमेंट में मास्टर कइले। नासा में शामिल होखे से पहिले उ अमेरिकी नौसेना में काम करत रहली। ओह घरी ऊ 30 से अधिका अलग अलग विमानन में 3000 से अधिका उड़ान घंटा लॉग कइले रहले । सुनीता विलियम्स फिलहाल अपना तीसरा अंतरिक्ष मिशन के तैयारी में लागल बाड़ी।
भारतीय मूल के सुनीता के कई देशन के सरकारन के ओर से सम्मानित कइल गइल बा। भारत सरकार 2008 में पद्म भूषण से सम्मानित कइलस। रूस सरकार उनका के अंतरिक्ष अन्वेषण में मेडल ऑफ मेरिट से सम्मानित कइलस । एकरा साथे ही स्लोवेनिया सरकार उनका के गोल्डन ऑर्डर ऑफ मेरिट से सम्मानित कइलस। नासा इनके नासा स्पेसफ्लाईट मेडल से सम्मानित कइलस जे अंतरिक्ष मिशन में महत्वपूर्ण उपलब्धि भा सेवा खातिर दिहल जाला।