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सुप्रीम कोर्ट चुनावी बॉन्ड स्कीम के रद्द कइलस, कहलस- चंदा के जानकारी न देवल असंवैधानिक, वोटर्स के जाने के बा हक

01:19 PM Feb 15, 2024 IST | Minee Upadhyay
सुप्रीम कोर्ट चुनावी बॉन्ड स्कीम के रद्द कइलस  कहलस  चंदा के जानकारी न देवल असंवैधानिक  वोटर्स के जाने के बा हक
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केंद्र सरकार मे चुनावी बॉन्ड योजना मे कानूनी वैधता के चुनौती देवे वाली याचिका पs सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के कहनाम बा कि इ दुगों अलग-अलग फइसला बा। एगो उनका द्वारा लिखल गइलऽ आ दोसरा न्यायमूर्ति संजीव खन्ना द्वारा आ दुनो फइसला सर्वसम्मत बा।

सुप्रीम कोर्ट गुमनाम चुनावी बॉन्ड स्कीम के रद्द कर देलखऽ। कोर्ट चुनावी बांड योजना के अनुच्छेद 19(1)(ए) के उल्लंघन आ असंवैधानिक मनले बा । एकरे संगे सुप्रीम कोर्ट चुनावी बांड योजना मे रद्द कर देलस। सुप्रीम कोर्ट के कहनाम बा कि चुनावी बांड योजना के असंवैधानिक करार देत रद्द करे के होई। सुप्रीम कोर्ट आदेश देलखऽ कि बैंक तत्काल चुनावी बांड जारी कइलऽ बैन करऽ देवे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश बा कि एसबीआई राजनीतिक दलन खातिर चुनावी बांड के ब्योरा पेश करी। सुप्रीम कोर्ट के कहनाम बा कि एसबीआई भारत के चुनाव आयोग के विवरण प्रस्तुत करी आ ECI इs विवरण के वेबसाइट पs प्रकाशित करी।

चंदा के जानकारी ना देवलऽ असंवैधानिक

कोर्ट कहलस कि चंदा के जानकारी न देवलऽ असंवैधानिक बा। एकरा संगे इ सूचना के अधिकार के उल्लंघनो बा। सुप्रीम कोर्ट कहलस कि वोटर्स के इ जाने के हक बा कि पार्टियन के का चंदा दिया देले बा। केंद्र सरकार के चुनावी बॉन्ड योजना के कानूनी वैधता के चुनौती देवे वाला याचिका पs सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के कहनाम बा कि दु अलग-अलग फइसला बा। एगो उ लिखले बाड़े आ दोसर न्यायमूर्ति संजीव खन्ना आ दुनो फइसला सर्वसम्मत बा।

चंदा देवे वालन के नाम के खुलासा होखे के चाही

सुप्रीम कोर्ट के कहनाम बा कि चुनावी बॉन्ड के माध्यम से कॉर्पोरेट योगदानकर्ता के बारे में जानकारी के खुलासा कइलऽ जाए मे चाहि काहे की कंपनि द्वारा दान पूरा तरह से बदला के उद्देश्य से बा। सुप्रीम कोर्ट के मानना बा कि गुमनाम चुनावी बॉन्ड योजना अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत सूचना के अधिकार के उल्लंघन हs। सुप्रीम कोर्ट के कहना बा कि राजनीतिक दल चुनावी प्रक्रिया में प्रासंगिक इकाइ हs आ चुनावी विकल्प खातिर राजनीतिक दल के फंडिंग के बारे में जानकारी आवश्यक बा।

सुप्रीम कोर्ट बैंक के देलस इs आदेश

सुप्रीम कोर्ट स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के आदेश देलसऽ कि बैंक अदालत के इलेक्ट्रोरल बांड के बारे में जानकारी देवे। एसबीआई चुनावी बांड जारी कई के तुरंत रोके। कोर्ट कहलसऽ कि राजनीतिक दल बतावास कि चुनावी बांड से उनकरा केतना पइसा मिलल। कोर्ट एसबीआई 6 मार्च तक सभ विवरण जमा करे के निर्देश देले बा। 15 दिन के भीतर सभ इलेक्ट्रोरल बॉन्ड राजनीतिक दल द्वारा खरीदारन के लौटा देवलऽ जाई।

प्रशांत भूषण देले इs जानकारी

वकील प्रशांत भूषण के कहनाम बा कि सुप्रीम कोर्ट चुनावी बॉन्ड योजना के रद्द कर देले बा आ एकरा के लागू करे खातिर कइलऽ गइलऽ सब प्रावधान के रद्द कर देवलऽ गइलऽ। उनकरा मानना बा की इ नागरिकन के जाने के मौलिक अधिकार के उल्लंघन करतs बा। उ कंपनियन द्वारा राजनीतिक दलन के देवलऽ जा रहल असीमित योगदानो के खत्म कs देले बाड़े।

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