टेक्नोलॉजी
खेल | कब्बड्डीक्रिकेटफुटबॉलबैडमिंटनहॉकी
मनोरंजन | सीरियलसिनेमासंगीतशार्ट स्टोरीजवेब सीरीजवीडियोडॉक्यूमेंट्री
राजनीतिविविध
व्यापार | अर्थव्यवस्थाउधारडिजिटल मुद्रानिवेशपूंजीरियल एस्टेटशेयर बाजार
शासन-प्रशासन | अपराधकानूनदुर्घटनासामाजिक योजना
शिक्षा
लाइफस्टाइल | आयुर्वेदखानपानसेहतव्यायामरोग एवं उपचारयोगब्यूटी टिप्सघरेलू उपचार
फोटो स्टोरीपर्यटन स्थल
धरम-करम | राशिफलमान्यतात्यौहारतीर्थ स्थलअंधविश्वास
देस-बिदेस
साहित्य | उपन्यासकविताकहानी
स्पेशल स्टोरीबड़ी खबरें
Advertisement

सुप्रीम कोर्ट इलेक्टोरल बॉन्ड पs तत्काल रोक लगवलस : कहलस - ई असंवैधानिक, स्कीम सूचना के अधिकार के उल्लंघन, छव मार्च तक पार्टी देवे सs हिसाब

11:52 AM Feb 15, 2024 IST | khabar Bhojpuri Desk
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ केअगुआई वाली 5 जजन के बेंच इलेक्टोरल बॉन्ड ममिला के सुनवाई कs रहल बिया।
Advertisement

लोकसभा चुनाव से कुछ महीना पहिले सुप्रीम कोर्ट बिफफे के इलेक्टोरल बॉन्ड से चंदा लेवे पs तत्काल रोक लगा देलस। कोर्ट कहलस कि बॉन्ड के गोपनीयता बना के रखल असंवैधानिक बा। ई स्कीम सूचना के अधिकार के उल्लंघन बा। छव मार्च तक पार्टी हिसाब दवे सs।

Advertisement

पांच जजन के बेंच सर्वसम्मति से फैसला सुनवलस। चीफ जस्टिस कहलें, 'पॉलिटिकल प्रॉसेस में राजनीतिक दल अहम यूनिट होला। पॉलिटिकल फंडिंग के जानकारी, उ प्रक्रिया हs, जवना में मतदाता के वोट डाले खातिर सही चॉइस मिलत बा। वोटर्स के चुनावी फंडिंग के बारे में जाने के अधिकार बा, जवना से मतदान खातिर सही चयन होला।'

सुप्रीम कोर्ट पिछला साल 2 नवंबर के फैसला सुरक्षित रखले रहे

CJI डीवाई चंद्रचूड़ के अध्यक्षता वाली पांच जजन के बेंच तीन दिन के सुनवाई के बाद 2 नवंबर 2023 के एह ममिला में आपन फैसला सुरक्षित रख लेले रहे।

सुनवाई में कोर्ट पार्टियन के मिली फंडिंग के डेटा ना रखला पs चुनाव आयोग से नाराजगी जतवले रह। अदालत एमे आयोग से कहले रहे कि राजनीतिक दलन के 30 सितंबर तक इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए जेतना पईसा मिलल बा, ओकर जानकारी जल्दी से जल्दी देवे।

CJI डीवाई चंद्रचूड़ सरकार से पूछले रहे कि इलेक्टोरल बॉन्ड के का जरूरत बा। सरकार तs अइसहूं जानत बिया कि ओकरा के चंदा के दे रहल बा। इलेक्टोरल बॉन्ड मिलतही पार्टी के पता चल जात बा कि के केतना चंदा देले बा

एह पs सरकार के तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता कहले रहस कि के केतना पईसा डोनेट कइलस, ई सरकार नइखे जानल चाहत। चंदा देवे वाला आपन पहचान छिपाके रखल चाहत बा। ऊ नइखे चाहत कि कवनो दूसरका पार्टी के एकर पता चले। जदि हम कांग्रेस के चंदा दे रहल बानी तs हम ना चाहेम कि भाजपा के एकर पता चले।

इलेक्टोरल बॉन्ड के वैधता ममिला के सुनवाई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला आ जस्टिस मनोज मिश्रा के बेंच कs रहल बा। एकरा के लेके चार याचिका दाखिल कइल गइल रहे। याचिकाकर्तन में एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR), कांग्रेस नेता जया ठाकुर आ CPM सामिल बा।

केंद्र सरकार के ओर से अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी आ सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता सुप्रीम कोर्ट में पेश भइल रहलें। सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल याचिकाकर्तन के तरफ से पैरवी कइले रहस।

साभार : दैनिक भास्कर

Tags :
ban on electoral bondBhojpuri NewsELECTORAL BONDRIGHT TO INFORMATIONSupreme Court
Advertisement
Next Article