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Swami Prasad Maurya: रामभद्राचार्य के लेके का कहs गइलें स्‍वामी प्रसाद मौर्य

01:16 PM Feb 05, 2024 IST | khabar Bhojpuri Desk
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कौशांबी-मंझनपुर में राष्ट्रीय बौद्ध महोत्सव में सामिल होखे आइल सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य अतवार के फेर से विवादित टिप्पणी कइले बाड़ें। मीडिया के सवाल पs कि रउआ राम मंदिर कब जाएम ? एकरा जवाब में ऊ कहले कि रामभद्राचार्य जिनगी आ मौत के बीच में जुझत बानी। उहां के राम मंदिर जाए के चाहीं, उहां जइती तऽ इलाज हो जाइत, भगवान राम के किरपो हो जाइत।

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बाकिर उहाँ के राम मंदिर ना जाके अस्पताल पहुंचल बानी। एकरा माने इहे भइल कि विज्ञान सांच बा। विज्ञान के ताकत में ऊँहो के जाहीं के पड़ल। एहिसे ई प्रश्न रामभद्राचार्य से पूछे के चाहीं स्वामी प्रसाद मौर्य से ना।

उऽ हिंदू संगठनन के विरोध प्रदर्शन के लेके पलटवार कइले। उऽ महोत्सव में संबोधन घरी बाते बात में बोल दिहले कि हाथी चलत रहीं आपन चाल, भौंकत रहस कुकुर। एकरा बाद सपा नेता इहो कहले कि पहिले विपक्ष के लोग सत्ता पक्ष के करिया झंडा देखावत रहे। आज सत्ता पक्ष के लोग विपक्ष के करिया झंडा देखा रहल बा। एकर मतलब साफ बा कि भाजपा हमनी से डेराइल बिया। जातिवाद के नाम पऽ बयान देत कहले हऽ कि जाति पशु-पक्षियन के होला इंसानन के नाहीं, इंसानन के जाति धंधा खातिर बनावल गइल बा। जातिवाद व छुआछूत कैंसर हs, जवना के रोके होई 

स्‍वामी प्रसाद मौर्या कहले हऽ कि जातिवाद आ छुआछूत कैंसर हs, जवना के रोके के पड़ी। भारत के संविधान सभका के बराबर का हक देले बा। एकरा बादो जातिवाद आ छुआछूत के जहर अतना हावी हो गइल बा कि देश के राष्ट्रपति तक के मंदिर में नहीं घूसे नइखे दिहल जात। आउर कहले हऽ कि आज पूरा विश्व में भारत के पहचान महात्मा बुद्ध आ उनकर विचारन से बा। देश के नेता विदेशी धरती पऽ जाके आपन माथा गरभ से ऊंचा करत कहेला कि उऽ लोग उऽ धरती से बाड़न, जहाँ महात्मा बुद्ध जन्म लेले रहस। आज भारतीय संविधान से खेलवाड़ कइल जा रहल बा। जबकि हमनी के पढ़ाई आ नीमन कपड़ा पहिरे के अधिकार संविधान देले बा। कालेजन में पढ़ाई महँगा कऽ दिहल गइल बा। देश में लगभग 80 करोड़ लोग बदहाली के जिनगी जीये खातिर मजबूर बा।

पांच से 10 किलो चाउर देके लोग के जीये के जरिया बना दिहल गइल बा 

कहले कि पांच से 10 किलो चावल देके लोग के जीये के जरिया बना दिहल गइल बा। देश के प्रधानमंत्री अपना आप के पिछड़ा वर्ग के बतावेले, बाकिर जब बात आरक्षण के आवेला तऽ गरीब प विश्वास राखेले।

लालकृष्ण आडवाणी के भारत रत्न देवे के सवाल पऽ स्वामी प्रसाद कहले कि रामलला के नायक रहल लालकृष्ण आडवाणी के राम मंदिर उद्घाटन में ना बोलावल गइल। अब ओकरे प्रायश्चित्त करे खातिर उहाँ के भारत रत्न दिहल जाता।

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