नोएडा SSP के फर्जी मोहर लगा के करत रहले टीनेंट के वेरिफिकेशन, तीन आरोपियन के पुलिस पकड़लस
नोएडा में एसएसपी के फर्जी सील के माध्यम से सत्यापन धोखाधड़ी के मामला सोझा आइल बा। पुलिस एह मामला में तीन आरोपी के गिरफ्तार कऽ लेले बिया। पुलिस आयुक्त के जगह एसएसपी के मोहर के इस्तेमाल के चलते आरोपी के आसानी से पकड़ल संभव हो गइल।
उत्तर प्रदेश के नोएडा में एसएसपी के फर्जी सील के मामला सोझा आइल बा। किरायेदार आ नौकरानी के फर्जी पुलिस सत्यापन करावे वाला तीन लोग के एक्सप्रेसवे पुलिस गिरफ्तार कर लिहले बिया। इ लोग सत्यापन पs पुलिस आयुक्त के जगह एसएसपी के मोहर के इस्तेमाल कइले, एहीसे पकड़ा गइले। गिरफ्तार आरोपी में रजनीश चौहान (मंगरौली), राहुल चौहान (छप्रौली), अमित कुमार (मंगरौली) शामिल बाड़े। इ जालसाज लोग से फॉर्म खाती 50 रुपया अउरी सत्यापन खातिर 400 रुपया लेत रहले। अबही ले 130 से अधिक लोग के धोखा देले बाड़े।
धोखाधड़ी के आरोपी के लगे से तीन लैपटॉप, एसएसपी के सील, दू गो मोबाइल, 32 खाली फॉर्म, 130 लोग के पुलिस सत्यापन फार्म बरामद भइल बा। छपरौली गांव में आरोपी कार्यालयो बनवले बाड़े। इ लोग एजेंट के माध्यम से किरायेदार आ नौकरानी से संपर्क कऽ के एक से दु दिन में पुलिस सत्यापन के तैयारी करत रहले। डीसीपी राम बदन सिंह कहले कि शहर में किरायेदार अउरी घरेलू कामगार के पुलिस सत्यापन के अपडेट कइल जाता। एह दौरान एगो बड़हन खुलासा भइल।
डीसीपी बतवले कि पुलिस सत्यापन प्रक्रिया के तहत जब सेक्टर 168 लोटस जिंग सोसाइटी के कर्मचारी से जानकारी लिहल गइल तऽ फर्जी पुलिस सत्यापन के मामला सोझा आइल। कर्मचारी बतवले कि कागजात छपरौली गांव के एगो दोकान से बनल रहे। जब पुलिस अधिकारी ग्राहक के रूप में दोकान पs पहुंचले तऽ बदमाश उनका से कहले कि पइसा दे दीं ओकरा बाद सत्यापन हो जाई। एकरा बाद पुलिस तुरंत तीनों के गिरफ्तार कऽ के थाना ले आइल। पुलिस अपना नेटवर्क अउरी एसएसपी के मुहर के बारे में जानकारी जुटाव तिया।