मोदी 3.0 के असली परीक्षा शुरू हो गइल, जवना के बोझ मानल जात रहे, अब उहे ढोवे पs मजबूर हो गइल बा
साल 2014 से आंध्र प्रदेश के ‘विशेष श्रेणी के दर्जा’ के मांग के अनदेखी करे वाली मोदी सरकार एगो बड़ संकट के सामना करतिया। अब ऊ चंद्र बाबू नायडू के हर मांग के माने के मजबूर बाड़े। हो सकेला कि मोदी सरकार अबले जवन बोझ कहत रहुवे ओकरा के उठावे के मजबूर हो जाव ।
आंध्र प्रदेश के मांग जवना के केंद्र सरकार पछिला 10 साल से बोझ के रूप में खारिज करत रहे, अब उहे बोझ उठावे पs मजबूर होखता। सरकार बनावे आ चलावे खातिर प्रणाम करे के पड़ी आ अपना रुख से भी दूर होखे के पड़ी । तेलुगु देशम पार्टी के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू केंद्रीय राजनीति के एगो महत्वपूर्ण बिंदु बन गइल बाड़े। ओह लोग के आपन पुरान माँग पूरा करावे के मौका बा । आंध्र प्रदेश के विशेष दर्जा देवे के मांग। वित्त आयोग के सिफारिश के हवाला देत सरकार बार-बार एकरा के बोझ बतवलस आ कबहूँ एकरा के कबूल ना कइलस। एह मांग के पूरा ना होखला के चलते चंद्रबाबू नायडू मोदी सरकार (एनडीए) से अलगा हो गइले।
समय के चक्का घूम गइल बा आ हालात अइसन हो गइल बा कि चंद्र बाबू नायडू आपन सगरी माँग पूरा करा सकेलें । तs का अब ऊ लोग के मांग पूरा हो जाई? जबकि केंद्र सरकार कवनो राज्य के विशेष दर्जा देवे के प्रावधान के पहिलही खतम कs देले बिया? हालात बहुते रोचक होखे वाला बा। अगर केंद्र सरकार आंध्र प्रदेश के विशेष दर्जा दिही तs ओकरा आपन प्रावधान के उल्टा करे के पड़ी।