छपरा में Jurassic Park के थीम पऽ बनल बा माई के पंडाल
दशहरा के अवसर पर छपरा के फुटानी बाजार में भव्य पंडाल बनावल जाला। ई पंडाल हर साल कवनो ना कवनो नया सामाजिक संदेश ले के आवेला, आ अबकी बेर एकर थीम बा ‘जुरासिक पार्क.’ पंडाल के निर्माता ओमप्रकाश बरिसन से एह कला के विशेषज्ञ बाड़न।
भारत में दशहरा के परब हर साल धूमधाम से मनावल जाला। एह परब के धार्मिक महत्व त बा बलुक समाज में एगो खास तरह के जीवंतता आ आनन्द ले आवेला। खास कर के पूजा पंडाल के वैभव आ सुंदरता के लोग के दिल में एगो खास जगह बा। दशहरा के अवसर पर छपरा के फुटानी बाजार में भव्य पंडाल बनावल जाला। हर साल एहिजा के लोग अइसन पंडाल बनावेला जवन ना खाली सुन्दर होला बलुक मशहूरो होला। अबकी बेर गम्हरिया कला पंडाल पs खास चर्चा बा। ई पंडाल हर साल कुछ नया सामाजिक संदेश ले के आवेला, आ अबकी बेर एकर थीम बा ‘जुरासिक पार्क’ बा।
पंडाल बनावे में केतना समय लागल?
अबकी बेर एह गम्हरिया कला पंडाल के जुरासिक पार्क के रूप दिहल गइल बा जवन दर्शकन का सोझा एगो अनोखा आ अद्भुत अनुभव ले के आइल बा। पंडाल बनावे में चार महीना लागल आ एकरा में लगभग 50 लाख रुपया के लागत आइल। एह में 9 तरह के डायनासोर के मॉडल बनावल गइल बा, जवन लाखों साल पहिले धरती से विलुप्त हो गइल रहे। बाकिर आज के पीढ़ी खास कर के लइकन के ओह डायनासोर के देखे आ जाने के मौका दिहल जा रहल बा।
युवा पीढ़ी के जागरूकता खातिर ई विषय
पंडाल निर्माता ओम प्रकाश बरिसन से एह कला में निपुण बाड़न। उनकर कहनाम बा कि पंडाल के निर्माण दशहरा से तीन महीना पहिले शुरू हो जाला। एह साल उ जुरासिक पार्क के थीम चुनले ताकि आज के युवा पीढ़ी प्रकृति आ इतिहास के बारे में जान सके। उऽ कहले कि इ विशालकाय डायनासोर मॉडल खास तौर प बच्चा खाती बनावल गइल बा, ताकि उऽ लोग एकरा के देख के इतिहास आ विज्ञान में रुचि देखा सके।