दु गो बैंक में खाता रखला पऽ लागी बड़ जुर्माना, आरबीआई गवर्नर जारी कइले नया गाइडलाइन
फिलहाल अधिकांश लोग के लगे एक से जादा बैंक खाता बा। हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) एह संबंध में कुछ नया नियम जारी कइले बा। अगर रउरा लगे एक से अधिका बैंक खाता बा तऽ ई जानकारी रउरा खातिर बहुते जरूरी बा।
अलग-अलग प्रकार के बैंक खाता
बैंक अपना ग्राहकन के कई तरह के खाता खोले के सुविधा देला। एमेंमें प्रमुख बा:
1. बचत खाता : इ सबसे लोकप्रिय खाता ह, जवना में ब्याजो उपलब्ध बा।
2. चालू खाता : व्यापारी लोग अधिका इस्तेमाल करेला।
3. वेतन खाता : रोजगार वाला लोग खातिर, जवना में कवनो न्यूनतम बैलेंस के जरूरत नइखे।
4. संयुक्त खाता : दू गो भा एक से अधिका लोग के साझा खाता
आरबीआई के नया नियम
भारतीय रिजर्व बैंक साफ कइले बा कि कवनो भारतीय नागरिक अपना जरूरत के हिसाब से असीमित संख्या में बैंक खाता खोल सकेला। एकरा पs कवनो रोक नइखे। हालांकि, कुछ महत्वपूर्ण बात ध्यान में राखे के बा।
1. कानूनी अनुपालन : सभ खाता के कानूनी तौर पs रख रखाव जरूरी बा।
2. जमा के प्रबंधन : अलग - अलग खाता में जमा के सही प्रबंधन होखे के चाहीं।
3. केवाईसी नियम के पालन : हर खाता खातिर केवाईसी के नियम के पालन कइल अनिवार्य बा।
बहु-बैंक खाता के फायदा आ नुकसान
एकर फायदा बा :
1. अलग-अलग उद्देश्य खातिर अलग-अलग खाता: बचत, निवेश, व्यवसाय आदि खातिर।
2. रिस्क शेयरिंग : सभ पइसा के एकही बैंक में ना रखला से रिस्क कम हो जाला।
3. अलग-अलग बैंक के सेवा के लाभ : अलग-अलग बैंक के विशेष सुविधा के उपयोग।
नुकसान:
1. खाता के प्रबंधन में मुश्किल: कई गो खाता के ट्रैक कइल चुनौतीपूर्ण हो सकता।
2. अधिका शुल्क : कई गो बैंकन में न्यूनतम बैलेंस आ आउर शुल्क हो सकेला।
3. कर से जुड़ल परेशानी : कई खाता से आय के ट्रैक राखल जटिल हो सकेला।
सावधानी आ सुझाव
1. नियमित निगरानी : सभ खाता के नियमित रूप से जांच करीं।
2. न्यूनतम बैलेंस बनवले राखीं : हर खाता में जरूरी न्यूनतम राशि के बनवले राखीं
3. अनावश्यक खाता बंद करीं : जवन खाता जरूरी नइखे ओकरा के बंद करीं।
4. सुरक्षा : ऑनलाइन बैंकिंग खातिर मजबूत पासवर्ड के इस्तेमाल करीं।
5. अपडेट रहीं : बैंकन के नियम आ फीस में बदलाव के जानकारी राखीं
आरबीआई के नयका नियम के मोताबिक भारतीय नागरिक अपना जरूरत के मोताबिक कवनो संख्या में बैंक खाता खोल सकऽतारे। हालांकि जरूरी बा कि एह खाता के ध्यान में राखल जाव। अपना वित्तीय लक्ष्य आ जरूरत के हिसाब से खाता के संख्या तय करीं आ ओकरा के कुशलता से प्रबंधित करीं। याद राखीं कि अधिका खाता होखला के मतलब अधिका जिम्मेदारी होला। अपना सगरी खाता पs नियमित नजर राखीं आ कवनो गड़बड़ी भा संदिग्ध गतिविधि के तुरते रिपोर्ट करीं। एह तरह से रउआ अपना आर्थिक जीवन के सुरक्षित आ सुव्यवस्थित राख सकीलें।