Maha Shivaratri 2024: महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पs अर्पित करीं इs पांच चीज, खुल जाई भाग्य!
Maha Shivaratri 2024 : सनातन धर्म में महाशिवरात्रि के परब धूमधाम से मनावल जाला। असल में भक्त रोज भोलेनाथ के पूजा करेले अवुरी शिवलिंग के पानी चढ़ावेले। लेकिन, भगवान शिव के विशेष पूजा एही दिन कईल जाला। महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पs शिवलिंग पs एह 5 गो चीज के चढ़ावल शुभ मानल जाला। एह सब के चढ़वले से भगवान शिव प्रसन्न हो जालें आ भक्तन पs अपार आशीर्वाद बरसावेलें।
*धतूरा
भक्त लोग के मानल बा कि धतूरा चढ़ावे से भगवान शिव के मन खुश हो जाला। पौराणिक कथा के अनुसार गरमी के ठंडा करे खातिर देवता लोग भगवान शिव के धतूरा चढ़वले रहले जवना के चलते भगवान शिव के होश में आ गईले। उनकर माथा से सब जहर निकल गइल। तब से भगवान शिव के पूजा में धतूरा चढ़ावल जाला। महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पs धतूरा के चढ़ावल बहुत शुभ मानल जाला।
*दूध, दही, भांग
सभ भक्त भगवान शिव के खुश करे खातिर शिवलिंग पs दूध, दही, भांग, धतुरा आदि अलग-अलग चीज चढ़ावेले। एकरा संगे शिवलिंग पs मधु चढ़ावे के भी आपन महत्व बा। जे भगवान शिव के सच्चा मन से स्मरण करत शिवलिंग पs मधु अर्पित करे। भगवान शिव ओकरा से प्रसन्न होके सुंदरता आ मधुर वाणी के आशीर्वाद देवेले।
*बेलपत्र
बेलपत्र में भगवान शिव, माई पार्वती आ माता लक्ष्मी समेत कई गो देवी-देवता के निवास बा। मानल जाला कि शिवलिंग पs बेलपत्र के तीन जोड़ल पतई चढ़ावे से भगवान शिव के शीतलता मिलेला। एकरा संगे भगवान शिव प्रसन्न हो जाले अवुरी भक्त लोग पs अपार आशीर्वाद के बरसात करेले। बेलपत्र के एह तीनों जोड़ल पतई के त्रिदेव कहल जाला जवन महादेव के त्रिशूल के प्रतिनिधित्व करेला।
*शमी पौधा
शमी पौधा अक्सर घर के आँगन में शनि दोष से छुटकारा पावे खातिर लगावल जाला भा शनि देव के चढ़ावल जाला। बता दीं कि एकरा के चढ़ा के खाली शनि देव ना बलुक भगवान शिव भी प्रसन्न हो जालें। भक्त जवन भी शिवलिंग पs शमी के पतई चढ़ावेला, भगवान शिव प्रसन्न होके ओकरा पs आशीर्वाद बरसावेले। साथ ही सौभाग्य के कामना पूरा करेला।
*लाल केसर
भगवान शिव के लाल केसर चढ़ावल जाला। काहे कि, ई भक्तन के भक्ति आ आत्मा के पवित्रता के प्रतीक हs। लाल केसर के रंग उनकर अनंत शक्ति आ दया के प्रतिनिधित्व करेला। एकर संबंध शिव भक्ति, ध्यान आ मोक्ष के उद्देश्य से बा। एकरा के चढ़ा के भक्तन के क्रोध आ दुख दूर हो जाला। साथ ही एकरा के भक्ति आ आध्यात्मिक साधना के हिस्सा मानल जाला।