फटल आवाज के सुरीला बनावेला इs खास योगासन, दिन में करीं एतना बेर
सुनर होखला के बावजूद अगर रउरा फटल आवाज के चलते लोग से बात करे में संकोच करेनी। अगर रउरा सभे से बात करे में शर्मिंदगी महसूस होखे तs अब रउरा एह खास योग आसन के कs के आपन खोवल आत्मविश्वास वापस ले आ सकेनी। एह योग आसन के कइला से राउर आवाज बहुते सुरीला हो जाई।
भ्रामरी प्राणायाम करत घरी भ्रमर यानी भंवरा जइसन गुनगुनइले के आवाज आवेला, एही से एकरा के भ्रामरी प्राणायाम कहल जाला। भ्रामरी प्राणायाम से ना खाली तनाव दूर होला बलुक मन के शांत भी होला। एतने ना, गला से जुड़ल बहुत बेमारी एs प्राणायाम के कईला से ठीक हो जाला। रोज एह प्राणायाम के अभ्यास कइला से राउर फटल आवाज भी सुरीला हो सकेला।
भ्रामरी प्राणायाम करे के विधि
-सबसे पहिले पद्मासन में साफ सुथरा आ समतल जगह पs बइठ जाइ।
-दुनों आँख बंद कs लीं।
-अब रीढ़ के हड्डी के बिल्कुल सीधा राखीं आ दुनो हाथ के अपना कंधा के समानांतर बढ़ाईं।
-एह के बाद कोहनी पs हाथ मोड़ के कान के लगे ले जाइ।
-दुनों हाथ के अंगूठा से दुनो कान बंद कs लीं।
-एह प्राणायाम में नाक से साँस लीं आ धीरे-धीरे गला से गुनगुनाहट के आवाज से साँस छोड़ीं।
-पहिले नाक से साँस लीं आ ओकरा बाद साँस छोड़ीं।
-ध्यान रहे कि साँस छोड़त घरी गला में भवरा के आवाज़ निहन आवाज़ आवे के चाही।
-ई अभ्यास 10 से 15 बेर करीं।
एह प्राणायाम के कइला से आवाज सुरीला हो जाला आ दिल आ फेफड़ा मजबूत हो जाला। हाई ब्लड प्रेशर सामान्य होला। हकलाइल आ तुतलाइल नियमित अभ्यास से दूर हो जाला।
भ्रामरी प्राणायाम लेट के ना कइल जाला। नाक भा कान में कवनो तरह के संक्रमण के स्थिति में इs व्यायाम मत करीं ना तs संक्रमण बढ़ सकता।