यूपी के अनोखा मंदिर...जहाँ कावड़ियन के एगो चमत्कार देखे के मिलल! अर्जुन स्थापित क देले रहले
टेढ़े नाथ शिव मंदिर : भारत में बहुत मंदिर बा। बाकी यूपी के एगो मंदिर के बारे में कहल जाला कि एकर स्थापना अर्जुन कइले रहले। आज हम रउआ सभे खातिर एह मंदिर के कहानी लेके आइल बानी।
पौराणिक शिव मंदिर लखीमपुर जिला मुख्यालय से लगभग 55 किलोमीटर दूर बा। मानल जाला कि एह मंदिर के स्थापना महाभारत काल में भइल रहे। आज ई जिला के सबसे परसिद्ध शिव मंदिर मानल जाला। सावन के महीना में लाखों लोग कांवरिया शिव मंदिर पहुंचे। भगवान शिव के जलाभिषेक करे। एह मंदिर के बारे में कुछ रोचक बात बतावल जाव।
टेढ़े नाथ शिव मंदिर के बा
टेढ़े नाथ शिव मंदिर के स्थापना अर्जुन द्वारा महाभारत काल में कइल गइल रहे। भक्तन के मानना बा कि एहिजा जलाभिषेक कइला का बाद ओह लोग के मनोकामना पूरा हो जाला । एह से मंदिर के मान्यता लगातार बढ़ रहल बा। इहाँ लोग भी अपना लइकन के मुंडन आ अन्नप्रशन जइसन संस्कार करे आवेले।
एकरा के टेडे नाथ मंदिर काहे कहल जाला?
पौराणिक काल के बात बा कि मंदिर परिसर में सात गो कांवरिया आइल रहले। ओह घरी इहाँ के शिवलिंग नीचे लुढ़क गइल रहे। कावड़ी लोग के कहनाम रहे कि जदी रातों रात शिवलिंग सीधा हो गइल तs गोला शिव मंदिर में जलाभिषेक कई ना जईहे। एही मंदिर में जलाभिषेक कइल जाई। एहमें चार गो कांवरिया जलाभिषेक कइलन आ तीन गो ना कइलन। भोर में शिवलिंग के आधा खड़ा हो गइल। साथ ही आधा शिवलिंग भी टेढ़ रहे। एही कारण से मंदिर के नाम बाबा टेढ़े नाथ रखल गइल।
मंदिर तक कइसे पहुंचल जाला
जिला मुख्यालय से बस से मोहम्मदी जाला। एकरा बाद मोहम्मदी से निजी टैक्सी आ कुछ जगहा घोड़ा के गाड़ी भी उपलब्ध बा ताकि टेडे नाथ मंदिर पहुंचल जा सके। जदी रउरा अपना निजी वाहन से एहिजा जाए के बा त अमीन नगर होत टेढ़े नाथ मंदिर चहुँप सकेनी । टेढ़े नाथ शिव मंदिर के कहानी जे सुनेला ऊ अचरज में पड़ जाला। दूर-दूर से लोग पूजा खातिर एह मंदिर में आवेला।