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USA: 'गूगल एकाधिकारवादी हऽ...',भारतीय मूल के अमेरिकी जज दिग्गज कंपनी के खिलाफ कइले फैसला

09:55 AM Aug 06, 2024 IST | Sonu Kishor
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कोर्ट अपना फैसला में कहलस कि गवाह आ सबूत के देखत कोर्ट ए निष्कर्ष पs पहुंचल बिया कि 'गूगल एगो एकाधिकार कंपनी हऽ आ उऽ खाली आपन एकाधिकार के कायम राखे खातिर काम कइले बा।'

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अमेरिकी संघीय अदालत अपना फैसला में कहले बिया कि गूगल एगो एकाधिकार कंपनी हऽ आ कंपनी अपना शक्ति के गलत इस्तेमाल कऽ के खोज आ विज्ञापन के जरिये दुनिया पs हावी हो गइल बिया। कोर्ट अपना फैसला में कहलस कि गवाह आ सबूत के देखत कोर्ट ए निष्कर्ष प पहुंचल बिया कि 'गूगल एगो एकाधिकार कंपनी हऽ आ उ खाली अपना एकाधिकार के कायम राखे खातिर काम कइले बिया।'

कोर्ट का कहलस

अमेरिकी संघीय अदालत के जज अमित मेहता के कहनाम बा कि ऑनलाइन सर्च बाजार के करीब 90 फीसदी आ स्मार्टफोन सर्च बाजार के 95 फीसदी हिस्सा गूगल के नियंत्रण में बा आ दुनिया भर में डिफ़ॉल्ट सर्च इंजन बने खातिर गूगल अरबों डॉलर खरच कइले बा। ध्यान देवे वाला बात बा कि साल 2023 में अल्फाबेट के कुल बिक्री में गूगल के विज्ञापन के हिस्सेदारी 77 प्रतिशत रहे।

अमेरिकी अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड एह फैसला के एगो खास जीत बतवले आ कहले कि कवनो कंपनी कानून से ऊपर नइखे। व्हाइट हाउसो एह फैसला के एह प्रतियोगिता के जीत के रूप में स्वागत कइलस। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के ओर से शुरू भइल ए मामला कवनो बड़ टेक कंपनी के खिलाफ पहिला बड़ एंटीट्रस्ट कार्रवाई बा। मेटा प्लेटफार्म, अमेजन आ एप्पल के खिलाफो अइसन मुकदमा दर्ज भइल बा

कोर्ट के फैसला पऽ गूगल इ प्रतिक्रिया देले बा

गूगल के योजना बा कि कोर्ट के ए फैसला के खिलाफ अपील कइल जाव। कंपनी के कहनाम बा कि एह फैसला से ओकर सफलता के निशाना अनुचित तरीका से कइल गइल बा। गूगल के ओर से जारी बयान में कहल गईल कि, इ फैसला ए बात के मानता कि गूगल सबसे निमन सर्च इंजन देवेला, बाकिर इ निष्कर्ष निकऽलता कि हमनी के एकरा के आसानी से उपलब्ध करावे के अनुमति ना देवे के चाही। कोर्ट के फैसला के बाद गूगल के मूल कंपनी अल्फाबेट के शेयर में 4.5 प्रतिशत के गिरावट आईल बा।

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