For the best experience, open
https://m.khabarbhojpuri.com
on your mobile browser.
Advertisement

यूपी के एह शहर के लइकन में हिंसक प्रवृत्ति बढ़ रहल बा, एक हफ्ता में 20 गो केस आइल, एकर कारण जान के रउरा अचरज में पड़ जाएम

05:28 PM May 18, 2024 IST | Raj Nandani
यूपी के एह शहर के लइकन में हिंसक प्रवृत्ति बढ़ रहल बा  एक हफ्ता में 20 गो केस आइल  एकर कारण जान के रउरा अचरज में पड़ जाएम
Advertisement

मुरादाबाद के मनोचिकित्सक : मुरादाबाद के मनोचिकित्सक डॉ. कार्तिकेय गुप्ता कहले कि फिलहाल बच्चा में भावहीनता आ चिड़चिड़ापन के मामला बढ़ता। लइकन में भी हिंसक प्रवृत्ति विकसित हो रहल बा। अइसने में लइकन के एह बेमारी के शिकार बनावे के मुख्य कारण संयुक्त परिवार आ मोबाइल फोन के अभाव बा। दिन रात मोबाइल पर खेलला से लइकन के मानसिक स्तर पर बहुत बुरा असर पड़ रहल बा।

Advertisement

आज के व्यस्त जिनगी आ लोग के काम, धंधा आदि खातिर घर से दूर होखल संयुक्त परिवार खातिर संकट बन गइल बा। एकर पूरा असर लइकन के बचपन पर पड़ेला। छोट आ न्यूक्लीयर परिवारन के लइका एह व्यवहार विकार के शिकार हो रहल बाड़े । चिंता आ आचरण विकार लइकन के अपना चपेट में ले रहल बा । शहर के मनोचिकित्सक के मुताबिक एक सप्ताह में 15 से 20 केस आवे वाला बा।

बच्चा में भावहीनता अवुरी चिड़चिड़ापन बढ़ल : मुरादाबाद के डॉक्टर के कहनाम बा कि बच्चा में भावहीनता आ चिड़चिड़ापन बढ़ला के संगे-संगे ओ लोग में हिंसक प्रवृत्ति भी विकसित होखता। लइकन के एह बेमारी के शिकार होखे के मुख्य कारण संयुक्त परिवार आ मोबाइल फोन के अभाव बा। दिन रात मोबाइल पर खेलला से लइकन के मानसिक स्तर पर बहुत बुरा असर पड़ रहल बा।

जिला में कई गो केस सामने आइल। नीरज गुप्ता कहले कि अइसन बहुत मामला सोझा आइल बा, जवन कि साबित करता कि परमाणु परिवार में रहेवाला बच्चा के मानसिक स्वास्थ्य खराब होखता आ उनका में सकारात्मक मानसिक भावना नइखे पैदा होखत। माई-बाप के एकरा प ध्यान देवे के होई। मनोचिकित्सक डा. कार्तिकेय गुप्ता बतवनी कि वर्तमान समय में लइकन में व्यवहार विकार अउरी गंभीर हो रहल बा। एतना पहिले कबो ना देखले रहनी। लइकन में मानसिक समस्या में तेजी से बढ़ोतरी के एगो बड़ कारण परिवार छोट होखल बा।

मनोवैज्ञानिक बच्चन के बारे में बतवले डॉ. नीरज गुप्ता : कहले कि बच्चा के रिश्ता के असली दुनिया से वंचित कइल जाता। जहाँ आभासी दुनिया से उनकर संबंध लगातार बढ़ रहल बा। जिला अस्पताल में कार्यरत राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. एस. दादा-दादी के संगत मिले के बजाय अकेलापन महसूस करे वाला आ आभासी दुनिया में दिलासा पावे के कोशिश करेवाला बच्चा नुकसान पहुंचावतारे।

साभार: news18 local

Tags :
Advertisement