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का गर्भ में चक्रव्यूह के बारे में सांचों सूनले रहन कहानी, शोध एकरा बारे में का कहत बा?

12:55 PM May 30, 2024 IST | Raj Nandani
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अभिमन्यु महाभारत में अपना माई के पेट में जवना तरह से चक्रव्यूह के कहानी सुनले रहन, का सचमुच ई संभव बा? एह विषय से जुड़ल एगो स्वतंत्र शोध में वैज्ञानिक लोग के कहनाम बा कि बच्चा खुद गर्भ में ही अपना महतारी के सुनल भाषा सीखल शुरू कs देवेला। एहसे अभिमन्यु के कोख में कहानी सुनला के संभावना मजबूत होखत लउकत बा । एह अध्ययन में वैज्ञानिकन के रोचक परिणाम मिलल बा ।

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एकरा के पावे के तथ्य से इनकार नइखे कइल जा सकत।

हाइलाइट

महाभारत के एगो बहुत मशहूर कहानी बा जवना में अभिमन्यु अपना माई के पेट में चक्रव्यूह के तोड़े के कहानी सुनले रहले। चक्रव्यूह ऊ युद्ध के रणनीति ह जवना में सात चक्र में घुस के विपक्षी सेना के लवटे के पड़ेला, तबे ऊ जीत सकेला । एकर खास बात ई बा कि ई अतना जटिल बा कि एकर दरवाजा के पहचान कइल तs मुश्किल बा, एकरा से वापसी के एगो अलग तरीका बा । बाकिर का ई कहानी खाली एगो कहानी हs कि ई संभव भी बा? एगो शोध में दावा कइल गइल बा कि बच्चा खुद महतारी के पेट में भाषा सीख सकता आ एकरा से अभिमन्यु के कहानी के बारे में भी संकेत मिलता।

कवनो प्रामाणिकता ना रहे

ध्यान देवे वाला बात बा कि वैज्ञानिक रूप से महाभारत के खाली एगो महान उपन्यास के रूप में देखल जाला आ एह में वर्णित घटना के प्रामाणिकता के ना मानल जाला। बाकी फिर भी समय-समय पर पुरातत्वविद लोग के भी एह दौर में युद्ध होखे के प्रमाण मिलल बा। बाकिर एकर हजारन कहानी खाली कहानी हs, जवना में से बहुते के अस्तित्व असंभव मानल जाला । अभिमन्यु के कोख में चक्रव्यूह के बारे में जानकारी सुन के एह श्रेणी के पौराणिक कथा के रूप में देखल जाला।

नया अध्ययन के नतीजा में दावा

दूसर ओर भाषा के क्षमता सीखला खातिर बच्चा के जन्म के पहिला साल बहुत जरूरी मानल जाला। साइंस एडवांस में प्रकाशित एगो अध्ययन से पता चलता कि नवजात शिशु के पहिले से ही ओ भाषा के जानकारी बा, जवना के संपर्क में ऊ गर्भावस्था के दौरान भइल रहले।

जन्म से पहिले भी भाषा के अनुभव के आधार पs नवजात शिशु के दिमाग पs होखेवाला प्रभाव के बारे में अभी तक एकट्ठा भइल सबसे निमन सबूत मानल जाता। शोधकर्ता के कहनाम बा कि ई सबूत बच्चा के जन्म से पहिले के दिमाग के कामकाज के बारे में जानकारी दे रहल बा। वैज्ञानिक ए जानकारी के दिमाग के विकास आ भाषा सीखे के क्षमता पs शुरुआती जीवन के प्रभाव के समझे में एगो बड़ उपलब्धि मानतारे।

क्षमता बहुत जल्दी आवेला

परंपरागत रूप से नवजात शिशु के सार्वभौमिक श्रोता मानल जाला, जवन कवनो भाषा सीखे में सक्षम होला। बाकिर जइसहीं ऊ लोग जनम लेत बा, ओह लोग के दिमाग में मातृभाषा के विशिष्ट ध्वनि के पहचाने के विशेषज्ञता मिले लागेला । भाषा विकास के ई एगो महत्वपूर्ण अंग हs। बाकी ए अध्ययन से पता चलता कि दिमाग के सुनला आ बोले के समझ खातीर तैयार करे में माता-पिता के अनुभव के अहम भूमिका होखेला।

अभिमन्यु के कहानी में भी कुछ अइसने बा।

एह में गर्भ में पांच से सात महीना के अवधि में भ्रूण के गर्भ से बाहर आवाज सुने के क्षमता के बहुत महत्व होखेला। महाभारत में अभिमन्यु के कहानी एह गुण के रेखांकित करत बा। आजो ई देखल जा रहल बा कि नवजात शिशु जनम के कुछ दिन में अपना महतारी के आवाज आ ओकर भाषा के प्राथमिकता देबे लागेला । इहाँ तक कि गर्भ में सुनल धुन आ गायन के आवाज़ तक पहचान सकतारे। एहमें माई-बाप के आवाज सुने के प्रक्रिया के रूपरेखा दिहल गइल बा ।

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