शिवराज चौहान जब नीतीश के सांसद के 'आईना' देखवले तs फसल बीमा पs प्रीमियम के मांग उल्टा हो गइल
संसद सत्र के खबर : केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान सदन में नालंदा सांसद के पूछल सवाल के जवाब देले। ऊ कहले रहले कि बिहार में फसल बीमा योजना के प्रीमियम के तर्कसंगत बनावल जाए।
मंगलवार के संसद के मानसून सत्र में प्रश्नकाल के दौरान कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान एगो सवाल के जवाब में मोदी सरकार के सहयोगी दल जदयू के सांसद के आईना देखवले। सांसद जवन सवाल पूछत रहले ओकरा में फंस गइले। उनका एगो मामूली जवाब मिल गइल। सवाल प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जुड़ल रहे। सांसद सवाल उठवले कि बिहार में ए योजना के प्रीमियम के तर्कसंगत बनावल जाए, बाकी शायद उनका पूरा जानकारी ना रहे कि नीतीश सरकार एकरा के खुद अपना राज्य में लागू नइखे कइले।
दरअसल प्रश्न घड़ी में नालंदा से जदयू सांसद कौशलेन्द्र कुमार एगो पूरक सवाल पूछले। ऊ सवाल उठवले कि 'प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के देश के किसान खातीर फायदेमंद योजना मानल जाला।' आकस्मिक फसल के नुकसान के भरपाई भी करेला, बाकी हमनी के राज्य बिहार में बीमा योजना के रकम बाकी राज्य के मुक़ाबले तीन गुना जादा बा। बिहार में फसल बीमा योजना के प्रीमियम के तर्कसंगत बनावे के चाही।
एकरा पs केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान सदन में जवाब देले। वक्ता के माध्यम से जवाब देत ऊ कहले कि पीएम फसल बीमा योजना के तीन अलग-अलग मॉडल बा। केंद्र सरकार सिर्फ योजना बनावेले, राज्य सरकार जवन मॉडल चाहेले चुनेले।
ऊ आगे कहले कि मॉडल चुनला के बाद बीमा कंपनी (चाहे ऊ निजी होखे चाहे सार्वजनिक क्षेत्र) प्रतिस्पर्धी दर पs फसल बीमा योजना के लागू करे के काम करेले आ ई फसल बीमा योजना हर राज्य खातीर जरूरी नइखे। जवन राज्य एकरा के अपनावे के चाहत बा ओकरा के अपनावे के चाहीं आ जे नइखे चाहत ओकरा के ना अपनावे के चाहीं।
कृषि मंत्री आगे कहले कि बिहार में अभी तक पीएम फसल बीमा योजना लागू नइखे भइल। बिहार के आपन योजना बा। ऊ योजना के मुताबिक अपना राज्य के किसान के फायदा पहुंचावला।