के कइसल बटर चिकन के खोज, दु गो रेस्तरां के लड़ाई अदालत पहुंचल
बटर चिकन हमेशा से गैर-वेज खाए वाला लोग के पसंदीदा व्यंजन में से एगो रहल बा। हालांकि मक्खन चिकन के इतिहास आ एकर आविष्कार के लेके बहस जारी बा। इ बहस अब दिल्ली हाईकोर्ट तक पहुंच गइल बा। आज (12 सितम्बर) एह मामला के लेके हाईकोर्ट में सुनवाई होई।
बहस मक्खन चिकन के आविष्कार के लेके दु हो रेस्टोरेंट चेन के बीच झगड़ा हो गइल। दू गो मशहूर रेस्टोरेंट मोती महल आ दर्यागंज के बीच झगड़ा चल रहल बा कि बटर चिकन के आविष्कारक के हऽ। मजेदार बात ई बा कि पाकिस्तानो एह लड़ाई में कूद गइल बा।
दुनो रेस्टोरेंट अलग-अलग दावा कइले
मोती महल के दावा बा कि बटर चिकन के आविष्कार उनका रेस्टोरेंट में भइल रहे। संस्थापक कुंदनलाल गुजराल बटर चिकन के आविष्कार कइले। जब उऽ बटर चिकेन रेसिपी के आविष्कार कइले रहले तऽ उऽ पेशावर में रहत रहले।
एकरा संगे-संगे दरिया गंज रेस्टोरेंट चेन के तर्क बा कि बटर चिकन के आविष्कार ओकर संस्थापक कुंदनलाल जग्गी कईले बाड़े। दरियागंज रेस्टोरेंट के तर्क बा कि कुंदलाल गुजराल आ कुंदनलाल जग्गी दुनो दोस्त रहले अवुरी साझेदारो रहले। गुजराल एह धंधा में मार्केटिंग के काम देखत रहले। बटर चिकन के रेसिपी जग्गी के बनावल रहे।
मोती महल कोर्ट से आग्रह कइले बा कि दरियागंज रेस्तरां के एकर वेबसाइट www.daryaganj.com आ फेसबुक, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन आ ट्विटर सहित विभिन्न सोशल मीडिया वेबसाइट आ प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से 'बटर चिकन के आविष्कारक' वाली टैगलाइन के उपयोग करने से रोकल जाव।
पाकिस्तानो कइलस दावा...
एकरा संगे-संगे पाकिस्तानी टीवी चैनल जियो न्यूज के वेबसाइट प छपल एगो लेख में दावा कइल गइल बा कि बटर चिकन के आविष्कार मोती महल चाहे दरियागंज में ना बलुक पेशावर में भइल रहे।