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अक्टूबर में थोक महंगाई घटके -0.52% पs आइल : लगातार 7वां महीना शून्य से नीचे रहल महंगाई, खाये-पीये के सामान सस्ता भइल

02:01 PM Nov 14, 2023 IST | khabar Bhojpuri Desk
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खाये-पीये के सामानन में गिरावट के बीच अक्टूबर महीना में भारत के थोक महंगाई दर घटके -0.52% पs आ गइल बा। ई लगातार सातवां महीना बा, जब थोक महंगाई शून्य से नीचे रहल बा। एकरा पहिले सितंबर में थोक महंगाई -0.26% रहे। ओहिजा अगस्त में ई -0.52% रहे।

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पिछला साल अक्टूबर में ई 8.39% रहे। सरकार हर महीना होलसेल प्राइस इंडेक्स माने WPI के आंकड़ा जारी करेले। एकरा पहिले सोमार माने 13 अक्टूबर के रिटेल महंगाई के आंकड़ा जारी कइल गइल रहे। रिटेल महंगाई 5 महीना के निचला स्तर 4.87% पs रहल रहे।

अक्टूबर में खाद्य महंगाई दर घटल

WPI के आम आदमी पs असर

थोक महंगाई के लमहर समय तक बढ़ल रहला से जादेतर प्रोडक्टिव सेक्टर पs एकर बुरा असर पड़ता बा। जदि थोक मूल्य बहुत जादे समय तक ऊंच स्तर पs रहता बा, तs प्रोड्यूसर एकर बोझ कंज्यूमर्स पs डाल देला। सरकार खाली टैक्स के जरिए WPI के कंट्रोल कs सकत बिया।

जइसे कांच तेल में तेज बढ़न्ती के इस्थिति में सरकार ईंधन पs एक्साइज ड्यूटी कटौती कइले रहे। हालांकि, सरकार टैक्स कटौती एक सीमा में कम कs सकत बिया। WPI में जादे वेटेज मेटल, केमिकल, प्लास्टिक, रबर जइसन फैक्ट्री से जुड़ल सामानन के होला।

निगेटिव मंहगाई से प्रभावित होला इकोनॉमी

महंगाई के निगेटिव में रहलो इकोनॉमी पs प्रभाव डालेला। एकरा के डिफ्लेशन कहल जाला। निगेटिव महंगाई तब होला जब वस्तु के आपूर्ति ओह वस्तुअन करमांग से जादे हो जाला। एसे दाम गिर जाला आ कंपनियन के प्रॉफिट घट जाला। प्रॉफिट घटेला तs कंपनी वर्कर्स के निकलेली सs आ आउर अपना कुछ प्लांट भा स्टोरो बंद कs देले।

महंगाई कइसे मापल जाला?

भारत में दु तरे के महंगाई होला। एगो रिटेल, माने खुदरा आ दूसरका थोक महंगाई होला। रिटेल महंगाई दर आम ग्राहकन के तरफ से दिहल जाए वाला कीमतन पs आधारित होला। एकरा के कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) कहल जाला। ओहिजा, होलसेल प्राइस इंडेक्स (WPI) के अर्थ ओह कीमतन से होला, जवन थोक बाजार में एगो कारोबारी दूसरका कारोबारी से वसूलत बा।

महंगाई मापे खातिर अलग-अलग आइटम्स के शामिल कइल जाला। जइसे थोक महंगाई में मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स के हिस्सेदारी 63.75%, प्राइमरी आर्टिकल जइसे फूड 20.02% आ फ्यूल एंड पावर 14.23% होला। ओहिजा, रिटेल महंगाई में फूड आ प्रोडक्ट के भागीदारी 45.86%, हाउसिंग के 10.07% आ फ्यूल सहित आउर आइटम्स के भागीदारी होला।

भारत में WPI तs अमेरिका में PPI से मापल जाला महंगाई

WPI के इस्तेमाल भारत में महंगाई के मापे खातिर कइल जाला। WPI में बदलाव से फिस्कल आ मॉनेटरी पॉलिसी चेंज बहुत जादे प्रभावित होला। ओहिजा अमेरिका में प्रोड्यूसर प्राइस इंडेक्स (PPI) के इस्तेमाल महंगाई के मापे खातिर कइल जाला।

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