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काहे कंफ्यूज बाड़े Akhilesh Yadav? अबहीं ले टिकट में उलझल सपा, नमांकन होखला के बादो काट देलस इनकर टिकट

05:09 PM Apr 05, 2024 IST | Sonu Kishor
काहे कंफ्यूज बाड़े akhilesh yadav  अबहीं ले टिकट में उलझल सपा  नमांकन होखला के बादो काट देलस इनकर टिकट
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Loksabha election: लोकसभा चुनाव के रण में जहां सत्ताधारी भाजपा आ उसकर सहयोगी दल के सेनाएं प्रचार में डट चुकल बिया ओहिजा मुख्य विपक्षी दल सपा अबहीं टिकटे में उलझल बिया। सपा में लगातार टिकट बाँटे आ काटे के दौर चल रहल बा। बागपत लोकसभा सीट के टिकट बुध के बदले के बाद अब सपा मेरठ में तिसरका बेर प्रत्याशी बदल देले बिया।

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पहिले बदायूं, फेर बागपत, मुरादाबाद आ अब मेरठ। कांग्रेस के साथे गठबंधन के के चुनाव लड़ रहल समाजवादी पार्टी में असमंजस के दौर खत्म होखे नाम नइखे लेत रहें । टिकट के वितरण में सपा कुछ अइसन उलझी बिया कि कुछ सीट पऽ तीन-तीन बेर उम्मीदवार बदलल जा चुकल बा।

बात मेरठ-हापुड़ संसदीय क्षेत्र के हालिया घटनाक्रम से शुरू कइल जाव। इहाँ समाजवादी पार्टी पहिलहीं अधिवक्ता भानु प्रताप सिंह के आपन प्रत्याशी घोषित कइले रहलें। एक अप्रैल के ,उनका के बदल के पार्टी सरधना के विधायक अतुल प्रधान के टिकट देले रहें। अतुल ने बुध के आपन नामांकन पत्र भर देले, बाकिर बुध के राते के उनकर टिकट काटे जाए के खबर आइल।

सुनीता वर्मा के दिआइल टिकट

बियफे के पार्टी ने सुनीता वर्मा के टिकट दे देलस। सुनीता पूर्व विधायक योगेश वर्मा के पत्नी हई आ महापौर रह चुकल बाड़ी। कहल जाता कि जइसहीं अधिवक्ता भानु प्रताप सिंह के टिकट कटल पूर्व विधायक योगेश सक्रिय हो गइले आ अंत में उनका पत्नी खातिर टिकट पावे में सफलता मिल गइल। अब टिकटन के वो उलझाव में सपा कार्यकर्ता लो उलझल बा तऽ ई तऽ होखहीं के रहें।

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लोकसभा चुनाव के रण में जहां सत्ताधारी भाजपा आ उनकर सहयोगी दल के सेना प्रचार में डट चुकल बाड़ी सन ओहिजा, मुख्य विपक्षी दल सपा अबहीं टिकटे में उलझल बिया। सपा में लगातार टिकट बाँटे आ काटे के दौर चल रहल बा। बागपत लोकसभा सीट के टिकट बुध के बदलला के बाद अब सपा मेरठ में तीसरका बेर प्रत्याशी बदल देलस। अब ले आठ लोकसभा सीट में सपा आपन प्रत्याशी बदल चुकल बिया, कुछ सीटन पऽ तऽ तीन-तीन बेर प्रत्याशी बदलल गइल बा।

टिकटन के ए अदला बदली से पार्टी के भीतरो असंतोष के स्वर फूट रहल बा, एकरा से पार्टी के चुनाव में मुश्किल बढ़ सकत बा। एकरा से पहिले मुरादाबाद में डा. एसटी हसन नामांकन कर चुकल बाड़े। बाद में उनकर टिकट काट के रुचि वीरा के दे दिहल गइल रहें। सपा बुधे के बागपत के प्रत्याशीयों  बदलले रहें। पहिले मनोज चौधरी के टिकट देले रहें, अब अमर पाल शर्मा के प्रत्याशी बना दिहल गइल बा।

एकरा से पहिले मिश्रिख लोकसभा सीटो पऽ सपा तीन बार टिकट बदल चुकल बिया। इहाँ पहिले पिता रामपाल राजवंशी, फेर बेटा मनोज आ अब बहू संगीता राजवंशी प्रत्याशी बाड़ी। गौतमबुद्ध नगरो में  तीन बार टिकट बदलल गइल। पहिले डा. महेंद्र नागर के टिकट दिहल गइल , फेर राहुल अवाना प्रत्याशी बनावल गइले। बाद में राहुल के टिकट काट के फिर से डा. महेंद्र नागर के प्रत्याशी बनावल गइल रहें। बिजनौर सीट पऽ यशवीर सिंह के टिकट काट के दीपक सैनी के प्रत्याशी बनावल गइल रहें।

संभल से सांसद शफीकुर्रहमान बर्क के निधन के बाद उनका पौत्र आ मुरादाबाद के कुंदरकी से विधायक जियाउर्रहमान बर्क के प्रत्याशी बनावल गइल। बदायूं में पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव के जगह सपा पहिलहीं राष्ट्रीय महासचिव आ विधायक शिवपाल सिंह यादव के प्रत्याशी बना चुकल बिया। अब एहिजा शिवपाल के जगहीं उनका बेटा आदित्य यादव के टिकट दिहल ना सकत बा। शिवपाल एकरा खातिर मनोवैज्ञानिक दबाव बना चुकल बाड़े। उऽ ई कह चुकल बाड़े कि बदायूं के जनता कवनो युवा के ए क्षेत्र से चुनाव लड़ावे के चाहत बिया।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सबका सहमति से टिकट देवेले। कुछ टिकटन पऽ हमनीं के इहाँ दिक्कत भइल, जवना के बदलल गइल बा। सपा में लोकतांत्रिक तरीका से निर्णय होला । जदि कवनो कार्यकर्ता भा नेता घोषित प्रत्याशी के बारे में कवनो नकारात्मक राय देता तऽ पार्टी के मुखिया के आपन निर्णय बदलहूँ में कवनो दिक्कत ना होला। पार्टी में कहीं कवनो दिक्कत नइखे, सब कोई घोषित उम्मीदवारन के जितावे में जुट गइल बा। -राजेन्द्र चौधरी, मुख्य प्रवक्ता, सपा

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