विष्णु अवतार होखला के बादो काहे ना होला परशुरामजी के पूजा? जानी इनका जीवन से जुड़ल 5 गो रोचक बात
परशुरामजी भगवान विष्णु के छठा अवतार मानल जालन। एकरा बावजूदो भी इनकर पूजा ना कइल जाला, एकरा पीछे के वजह का बा, आ इनका जीवन से जुड़ल कुछ रोचक जानकारी आज हम एह लेख के माध्यम से बताइब।
भगवान परशुराम के विषय में कई हो रोचक जानकारी हमनी के धार्मिक ग्रंथन में मिलेला। परशुराम जी के भगवान विष्णु के छठा अवतार मानल गइल बा। हालांकि आउर देवी-देवता लो के जइसन इनकर पूजा ना कइल जाला। एकर कारण का बा आ परशुराम जी के जीवन के कुछ महत्वपूर्ण घटना के बारे में आज हम रउआ के एह लेख के माध्यम से जानकारी देब।
परशुरामजी के जीवन से जुड़ल कुछ रोचक बात
परशुरामजी ऋषि जमदग्नि के पुत्र रहले आ इनका के भगवान विष्णु के आवेशावतार मानल जाला। माता-पिता के ओर से राम नाम दिहल गइल रहे, फेर भगवान शिव के ओर से इनका के परशु नाम के अस्त्र मिलल रहे एही कारण इनकर नाम परशुराम प्रचलित भइल। परशुरामजी के गुरु खूदे भगवान शिव रहले। उहे विश्वामित्र आ ऋचीक के भी इनकर गुरु मानल जाला। भीष्म, द्रोणाचार्य आ कर्ण परशुरामजी के शिष्य रहले।
परशुरामजी भगवान राम के शारंग नाम के धनुष देले रहले आ भगवान कृष्ण के सुदर्शन चक्र। धर्म के स्थापना खातिर उऽ भगवान राम आ कृष्ण के सहायता कइले रहले।
पिता के आदेश से एक बार परशुरामजी अपना माई के वध कऽ देले रहले। हालांकि बाद में पिता उनका दे खुश हो के वर मांगे के कहले तऽ उऽ उऽ माई के जींदा करे के वर मंगले।
एक बेर परशुरामजी जब भगवान शिव के दर्शन खातिर जात रहले तऽ गणेशजी उनका के रोक देले। खीस में आके परशुरामजी आपन परशु से गणेश जी पs वार कऽ देले। वार के आघात से गणेशजी के एगो दांत टूट गइल, तबे से गणेशजी के एक दंत कहल जाला।
परशुरामजी अभिमानी हैहय वंशियों के पृथ्वी पs से 21 बार विनाश कइले रहले। जबकि आम धारणा ई बा कि परशुरामजी समस्त क्षत्रियन के नाश कइले रहले। ई बात गलत बा परशुरामजी के शत्रुता हैहयवंशियन से रहे।
विष्णु अवतार होखला के बादो काहे ना होला परशुरामजी के पूजा?
परशुरामजी के सप्त चिरंजीवियन में से एक मानल जाला। जबकि विष्णु भगवान के आउर सब अवतार पृथ्वी लोक से जा चुकल बा लो, एहिसे भगवान परशुरामजी के पूजा ना बल्कि उनकर आवाहन कइल जाला। एकरा साथही परशुराम जी, भगवान विष्णु के उग्र अवतार मानल जाले जेकर पूजा करे से अत्यधिक ऊर्जा प्राप्त होला।
एगो सामान्य प्राणी अधिक ऊर्जा के नियंत्रित नइखे कर सकत एहुसे उनकर आराधना ढेर लोगों के द्वारा ना कइल जाला। हालांकि योग-ध्यान से सिद्ध व्यक्ति आजो परशुरामजी के आवाहन करेला। परशुरामजी के स्तुति आ आवाहन करे से व्यक्ति के पराक्रम आ साहस में वृद्धि होला आ पारलौकिक ज्ञान भक्त के प्राप्त होला। साहसिक कार्य करे वालन लोगन खातिर परशुरामजी के आराधना कइल अत्यंत शुभ फलदायी साबित हो सकत बा।