लखनऊ में मनरेगा में पक्का काम पऽ काहे लागल ब्रेक? कामगारन के मजदूरीयो नइखे मिलत
मनरेगा के स्थायी काम लखनऊ में ठप्प बा काहे कि पिछला काम के लोन नइखे चुकावल गइल बा। सुल्तानपुर, अयोध्या आदि जिला में 10 लाख रुपया के लोन बा। सरकार 431 करोड़ रुपया जारी कइले रहे, बाकिर एकरा में से अधिकांश के इस्तेमाल तकनीकी कर्मचारी के मानदेय खातिर भइल बा, जवना के चलते काम के योजना प्रभावित होखऽता।
फिलहाल मनरेगा के तहत होखे वाला कंक्रीट के काम पs ब्रेक लागल बा। एकरा चलते क्षेत्रीय स्तर पs पहिले भइल काम खातिर उधार लिहल बकाया सामान के भुगतान नइखे कइल गइल। सुल्तानपुर के बलदिराई प्रखंड के एगो अधिकारी के कहनाम बा कि लगभग एक साल से माल के कर्जा नइखे चुकावल जात। इहे कारण बा कि एक्शन प्लान के मंजूरी मिलला के बादो काम नइखे होखऽत। पिछिला एक साल से मनरेगा के राज्य में टारऽ - बटार के सामना करे के पड़sता। मनरेगा के तहत काम करेवाला मजदूर के मजदूरी समय पs नइखे मिलत।
एकरा अलावा फिक्स काम करावे खातिर उधार लिहल सामान के भुगतान नइखे होत। अयोध्या, सुल्तानपुर, रायबरेली, बहराइच सहित अन्य जिला के गाँव के मुखिया के मोताबिक हर ग्राम पंचायत में कम से कम 10 लाख रुपया के कर्जा बा अइसन इस्थिति में पुरनका सामान के भुगतान ना कइला के चलते नयका सामान नइखे उपलब्ध हो पावत।
431 करोड़ के दिहल गइल रहे मंजूरी
जून के अंत में सरकार मजदूरी के भुगतान खातिर बजट जारी कइले रहे, जबकि जुलाई के दूसरा सप्ताह में यूपी सरकार केंद्र से मिलल रकम में आपन हिस्सा जोड़ के 431 करोड़ रुपया सामग्री के रूप में जारी कइले रहे। बाकिर एह रकम के इस्तेमाल बकाया के क्लियर करे में कइल गइल बा भुगतान कुछ हद तक कइल गइल बा जवन कि मनरेगा के काम में लागल तकनीकी कर्मचारी के मानदेय देवे में कइल गइल बा एहीसे सामग्री के पइसा अबही तक बकाया बा आ एकरा चलते ग्राम पंचायत आ ओहिजा के काम बंद हो गइल बा।
बरसात के मौसम में कई जगहन के हालात खराब
बरसात के पहिलही कई ग्राम पंचायतों में जल निकासी खातिर नालियन आ गांव के रास्ता खातिर खड़ंजे स्वीकृत कइल गइल रहे। बाकिर इ काम ना हो पावे के वजह से ओ गांवों के इस्थिति काफी खराब बा, जहां खातिर कार्ययोजना स्वीकृत रहे।