World Biofuel Day 2024: विश्व जैव ईंधन दिवस के इतिहास जानी
विश्व जैव ईंधन दिवस 2024 : विश्व जैव ईंधन दिवस 10 अगस्त के पेट्रोलियम आ प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा मनावल जाला। ई दिन जैव ईंधन के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ावे आ फइलावे के मकसद से मनावल जाला, जवना में वनस्पति आ कार्बनिक पदार्थ से निकले वाला ऊर्जा स्रोत के जैव ईंधन के रूप में इस्तेमाल करे के महत्व पर जोर दिहल जाला।
विश्व जैव ईंधन दिवस 2024 : विश्व जैव ईंधन दिवस 10 अगस्त के पेट्रोलियम आ प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा मनावल जाला। ई दिन जैव ईंधन के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ावे आ फइलावे के मकसद से मनावल जाला, जवना में वनस्पति आ कार्बनिक पदार्थ से निकले वाला ऊर्जा स्रोत के जैव ईंधन के रूप में इस्तेमाल करे के महत्व पर जोर दिहल जाला।
विश्व जैव ईंधन दिवस के इतिहास
जैव ईंधन के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करे आ सतत विकास में एकर योगदान के बढ़ावा देवे खातिर हर साल 10 अगस्त के विश्व जैव ईंधन दिवस मनावल जाला। चुनल गइल तारीख 1893 के हs जब डीजल इंजन के आविष्कारक सर रूडोल्फ डीजल मूंगफली के तेल के इस्तेमाल से एगो इंजन के सफलतापूर्वक चलावत रहले। ई घटना जैव ईंधन के क्षमता के रेखांकित करत बा काहे कि ई वैकल्पिक आ अभिनव ऊर्जा स्रोत के काम कर सकेला।
विश्व जैव ईंधन दिवस के उद्देश्य
एह दिन के मकसद जैव ईंधन के इस्तेमाल के बढ़ावा दिहल आ एह क्षेत्र में रिसर्च आ बिकास के प्रोत्साहित कइल बा जेह से जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम हो सके आ पर्यावरण पर परभाव कम हो सके।
विश्व जैव ईंधन दिवस के महत्व
जैव ईंधन के महत्व के साझा करे आ सतत विकास में एकर भूमिका के बढ़ावा देबे खातिर ई दिन जरूरी बा। जैव ईंधन पौधा आ जैविक सामग्री से पैदा होखे वाला ऊर्जा स्रोत हवें जे पर्यावरण पर परभाव के कम करे में मदद करे लें। एह दिन के तहत लोग के जैव ईंधन के महत्व, उपयोग, आ फायदा के बारे में जागरूक कइल जाला ताकि हमनी के जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में सकारात्मक योगदान दे सकीले।
जैव ईंधन के फायदा के बारे में बतावल गइल बा
जैव ईंधन के कई गो फायदा बा। ई एगो प्राकृतिक ऊर्जा स्रोत हवे जे निम्नलिखित क्षेत्र सभ में मदद करे ला:
1. पर्यावरण में कम प्रदूषण: जैव ईंधन के इस्तेमाल से पैदा होखे वाली अधिकतर गैस सभ के प्रदूषण कम हो जाला, जेकरा से वायुमंडलीय गैस सभ के परभाव कम हो जाला।
2. दक्षता में बढ़ोतरी : जैव ईंधन के उत्पादन कृषि आ प्राकृतिक सामग्री से होला, जवना से खेती आ ग्रामीण विकास के दक्षता मिलेला।
3.ऊर्जा आत्मनिर्भरता: स्थानीय सामग्री के इस्तेमाल जैव ईंधन के उत्पादन में कईल जा सकता, जवना से ऊर्जा के आत्मनिर्भरता बढ़ेला।
4. जैव अवशेष के रिसाइकिलिंग : जैव ईंधन के उत्पादन प्रक्रिया में जैव अवशेष के इस्तेमाल होला, जवना से ई फेर से उपयोगी हो जाला।
5.ऊर्जा सुरक्षा: जैव ईंधन ऊर्जा स्रोत विविधता के बढ़ावा देला आ ऊर्जा सुरक्षा के मजबूत करेला।
भारत सरकार द्वारा जैव ईंधन के बढ़ावा देवे के पहल
1.पहल : भारत सरकार पहल के तहत जैव ईंधन के उत्पादन आ उपयोग के बढ़ावा देवे खातिर उपयोगी नीति लागू कइले बा।
2.नैतिक व्यवस्था 2018 : भारत सरकार 2018 में जैव ईंधन के उत्पादन आ उपयोग में 20% मिश्रण के लक्ष्य तय कइले बिया।
3.जैव ईंधन योजना : भारत सरकार जैव ईंधन योजना शुरू कइले बिया, जवना के मकसद जैव ईंधन के उत्पादन आ उपयोग के बढ़ावा दिहल बा।
4.बायोडीजल प्रोत्साहन योजना : एह योजना के तहत बायोडीजल के उत्पादन के बढ़ावा देवे खातिर आर्थिक सहायता दिहल जाला।
5.पालक प्रोत्साहन योजना : एह योजना से किसानन के पालक के पौधा के खेती करे खातिर प्रोत्साहित कइल जाला, जवना के इस्तेमाल जैव ईंधन के उत्पादन में कइल जा सकेला।
6.5 जून 2021 के अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस के मौका पs घोषणा भइल कि 20% इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल हासिल करे के लक्ष्य पांच साल आगे ले आवल गइल बा आ अब 2025 तक पूरा हो जाई।