World Breastfeeding Week : मां कर रही दूध दान... नवजात को मिल रहा जीवन, डॉक्टरों ने दी यह सलाह
लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में बनल देश के पहिला वत्सल्या-मातृ अमृत कोश एकरा खातिर काम कर रहल बा। एकरा संगे-संगे एम्स अपना केंद्र के अपग्रेड कर रहल बा।
अपना शिशु के पालन पोषण के संगे-संगे बहुत महिला ओ बच्चा के अपना दूध के रूप में जीवन रक्षक ढाल उपलब्ध करावत बाड़ी, जवन कि कवनो कारण से महतारी के दूध ना पा पावत बाड़े। लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में बनल देश के पहिला वत्सल्य-मातृ अमृत कोश एकरा खातिर काम कर रहल बा। एकरा संगे-संगे एम्स अपना केंद्र के अपग्रेड कर रहल बा। इहाँ मशीन के मदद से महतारी के दूध लेके नवजात शिशु के दिहल जाला, जबकि सफदरजंग अस्पताल में अइसन सुविधा विकसित करे के बा।
विशेषज्ञ लोग के कहनाम बा कि समय से पहिले पैदा भइल बच्चा अपना महतारी के सीधा स्तनपान ना करा पावेले। अइसने में मशीन के मदद से दूध दिहल जाला। एह केंद्र में महतारी से दूध लेके बच्चा के दिहल जाला। एकरा संगे-संगे केंद्र के मिलेवाला अतिरिक्त दूध परिवार के सहमति से अइसन बच्चा के दिहल जाला, जवना के महतारी नइखे चाहे कुछ कारण से महिला के दूध नइखे होखत। करीब दस प्रतिशत महतारी अतिरिक्त दूध दान करेली। डाक्टर लोग के कहनाम बा कि हर बच्चा के पहिला 6 महीना में खाली महतारी के दूध देवे के चाही। उनका शारीरिक के संगे-संगे मानसिक विकास खातीर ई सबसे जादे जरूरी बा।
सफदरजंग मिल्क बैंक बनाई
आवे वाला दिन में सफदरजंग अस्पताल भी संस्थान में वत्सल्य-मातृ अमृत कोश (मिल्क बैंक) के स्थापना के तैयारी में बा। एकरा मदद से जवन बच्चा स्तनपान करावे में सक्षम ना होईहे, उहो स्तनपान के फायदा उठावे में सक्षम होईहे। या कुछ कारण से उक्त बच्चा के महतारी दूध पैदा ना कर पावेली। एह कोष में माई के दूध लेत घरी पूरा जांच हो जाला। एह में देखल जाला कि दूध के माध्यम से बच्चा के कवनो संक्रमण नइखे होखत।
पहिला घंटा में स्तनपान करावे के आंकड़ा आधा हो गइल
सफदरजंग अस्पताल के बाल रोग विभाग के प्रमुख डॉ. रतन गुप्ता बतवले कि देश में करीब 88 प्रतिशत प्रसव अस्पताल आ बाकी स्वास्थ्य केंद्र में होखेला, बाकी पहिला घंटा में बच्चा के स्तनपान करावे के दर करीब 44 प्रतिशत बा। सफदरजंग एकरा के सुधारे के प्रयास कर रहल बाड़े। अस्पताल के कोशिश बा कि अस्पताल में पैदा होखेवाला हर बच्चा के पहिला घंटा के भीतर महतारी के दूध मिल जाए। इहाँ रोज 60-80 डिलीवरी होखेला। उनकर कहनाम बा कि देश के करीब 64 प्रतिशत बच्चा पूरा 6 महीना तक स्तनपान करावेले। एकरा में भी सुधार के जरूरत बा।
डॉक्टर के कहनाम बा कि बच्चा के जन्म के बाद पहिला घंटा में स्तनपान करावे के जरूरत होखेला। पहिला घंटा में बच्चा के महतारी से गाढ़ पीला दूध (कोलोस्ट्रम) मिलेला। एकरा मदद से बच्चा के भविष्य में कुपोषण आ बाकी बेमारी के खतरा से बचावल जाला। विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देश के मुताबिक बच्चा के जन्म होखते ओकरा के महतारी के स्तन पs राखे के निर्देश बा ताकि महतारी ओकरा के स्तनपान करा सके।
महिला के जांच कइल जाला
मशीन के मदद से प्री-मैचर बच्चा खातिर महतारी से दूध एकट्ठा करे से पहिले जांच कइल जाला। ए दौरान देखल जाता कि उक्त महिला के पहिले कवनो बड़ बेमारी रहे कि ना कबो कवनो संक्रमण ना भइल होखे। शरीर पs कवनो गोदना भा टैटू ना बनल होखे। एकरा अलावा कवनो दोसर समस्या ना रहे।