World Thalassemia Day 2024 ; Thalassemia Day 2024: का आयरन के कमी आ थैलेसीमिया एके नियन बा ? दुनो बेमारी के बीच के अंतर
लक्षण आ इलाज के बारे में जानीं आयरन के कमी आ थैलेसीमिया में अंतर: आयरन के कमी से होखेवाला एनीमिया आ थैलेसीमिया अलग-अलग बेमारी ह, जवना के अंतर्निहित कारण, लक्षण आ इलाज के तरीका अलग-अलग होखेला। एकरा बारे में विस्तार से जान लीं
विश्व थैलेसीमिया दिवस 2024 : विश्व थैलेसीमिया दिवस हर साल 8 मई के मनावल जाला। एह दिन के मुख्य उद्देश्य लोग के एह बेमारी के बारे में जागरूक बनावल बा। एकरा संगे-संगे एकर लक्षण, निदान आ इलाज के बारे में जाने खातीर। बता दीं कि थैलेसीमिया खून से जुड़ल एगो आनुवंशिक बेमारी ह। एह बेमारी के चलते पीड़ित के शरीर में हीमोग्लोबिन के उत्पादन बंद हो जाला एकर खून से जुड़ाव के चलते बहुत लोग एकरा के आयरन के कमी मानेला। बाकिर बता दीं कि ई दुनु बेमारी अलग अलग होला । आयरन के कमी आ थैलेसीमिया में का अंतर बा, इ जान लीं। एकरा संगे-संगे दुनो के लक्षण, निदान आ इलाज के बारे में जान लीं।
डॉ. आकाश शाह के मुताबिक आयरन के कमी आ थैलेसीमिया दु अलग-अलग बेमारी ह, जवन कि शरीर के स्वस्थ लाल रक्त कोशिका पैदा करे के क्षमता के प्रभावित करेला। बाकिर इनहन के अंतर्निहित कारण, लच्छन आ इलाज के तरीका में अंतर होला। एह बेमारी सभ के बीच के अंतर के समझल सही निदान आ उचित इलाज-प्रबंधन खातिर बहुत जरूरी बा।
आयरन के कमी
आयरन के कमी से एनीमिया तब होला जब शरीर में हीमोग्लोबिन पैदा करे खातिर पर्याप्त आयरन ना होखे। हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिका सभ में मौजूद प्रोटीन हवे जे पूरा शरीर के ऊतक सभ में ऑक्सीजन ले जाला। आयरन के कमी कई कारण से हो सके ला, जवना में आयरन के पर्याप्त सेवन, खून के नुकसान (जइसे कि मासिक धर्म भा जठरांत्र संबंधी खून बहल), या आयरन के सही तरीका से सोख लेवे में असमर्थता सामिल बा।
कइसे पता लगावल जा सकेला कि रउरा थैलेसीमिया बा कि ना? (थैलेसीमिया खातिर परीक्षण)
आमतौर प थैलेसीमिया के निदान के पुष्टि खून के जांच से होला जेह में हीमोग्लोबिन के स्तर नापल जाला आ असामान्य हीमोग्लोबिन पैटर्न के पहिचान कइल जाला। थैलेसीमिया के विशिष्ट प्रकार आ गंभीरता के पता लगावे खातिर अतिरिक्त परीक्षण, जइसे कि आनुवंशिक परीक्षण, करावल जरूरी हो सकेला ।
थैलेसीमिया के इलाज
थैलेसीमिया के इलाज बेमारी के प्रकार आ गंभीरता के आधार प अलग-अलग होला। हल्का मामिला में इलाज के जरूरत ना पड़ सके ला जबकि गंभीर मामिला में हीमोग्लोबिन के स्तर बनल रहे आ लच्छन सभ के नियंत्रित करे खातिर नियमित रूप से खून चढ़ावे के जरूरत पड़ सके ला। अउरी इलाज सभ में शरीर से अतिरिक्त आयरन के हटावे खातिर आयरन किलेशन थेरापी, फोलिक एसिड के पूरक आ गंभीर मामिला में अस्थि मज्जा भा स्टेम सेल प्रत्यारोपण सामिल हो सके ला।
आयरन के कमी (Iron deficiency)
आयरन के कमी से एनीमिया तब होला जब शरीर में हीमोग्लोबिन पैदा करे खातिर पर्याप्त आयरन ना होखे। हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिका सभ में मौजूद प्रोटीन हवे जे पूरा शरीर के ऊतक सभ में ऑक्सीजन ले जाला। आयरन के कमी कई कारण से हो सके ला, जवना में आयरन के पर्याप्त सेवन, खून के नुकसान (जइसे कि मासिक धर्म भा जठरांत्र संबंधी खून बहल), या आयरन के सही तरीका से सोख लेवे में असमर्थता सामिल बा।
आयरन के कमी के लक्षण ( Symptoms Of Iron deficiency)
आयरन के कमी से होखे वाला एनीमिया के आम लच्छन सभ में थकान, कमजोरी, पीयर त्वचा, साँस लेबे में तकलीफ, चक्कर आवे, सिरदर्द, हाथ आ गोड़ में ठंडा होखे, नाखून टूटल, आ गैर-खाद्य चीज (पिका) के लालसा सामिल बा।
कैसे पता करें आयरन की कमी है कि नहीं? ( Test Of Iron deficiency)
आयरन के कमी के पता लगावे के सबसे बढ़िया तरीका खून के जांच बा। जवना में हीमोग्लोबिन, हेमेटोक्रिट, सीरम आयरन, फेरिटिन अवुरी कुल आयरन-बाइंडिंग कैपेसिटी (TIBC) के स्तर के नापल जाला। एह मार्करन के कम मात्रा आयरन के कमी से होखे वाला एनीमिया के संकेत देला।
आयरन के कमी के कइसे दूर करी (Treatment Of Iron Deficiency)
आमतौर पर इलाज में आयरन के कमी के ठीक करे खातिर आयरन के पूरकता दिहल जाला। आयरन के पूरक कई तरह के रूप में उपलब्ध बा, जवना में फेरस सल्फेट, फेरस ग्लूकोनेट, आ फेरस फ्यूमरेट शामिल बा। आहार में बदलाव करे के सलाह दिहल जाला जेह में आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थ जइसे कि दुबला मांस, मुर्गी, मछरी, बीन्स, दाल, किलेबंदी वाला अनाज आ पत्ता वाला हरियर सब्जी सभ के सामिल कइल जाला।
थैलेसीमिया (Thalassemia)
थैलेसीमिया एगो आनुवांशिक खून के बिकार हवे जेकर बिसेसता हीमोग्लोबिन के असामान्य रूप से बने के होला। एकरा चलते लाल रक्त कोशिका के उत्पादन कम हो जाला आ एनीमिया हो जाला। थैलेसीमिया के दू गो मुख्य प्रकार में बाँटल जाला : अल्फा थैलेसीमिया आ बीटा थैलेसीमिया। ई वर्गीकरण एह बात पर निर्भर करे ला कि हीमोग्लोबिन अणु के कौनों हिस्सा प्रभावित होला।
कैसे जानी थैलेसीमिया बा कि ना? (Test For Thalassemia)
आमतौर प थैलेसीमिया के निदान के पुष्टि खून के जांच से होला जेह में हीमोग्लोबिन के स्तर नापल जाला आ असामान्य हीमोग्लोबिन पैटर्न के पहिचान कइल जाला। थैलेसीमिया के विशिष्ट प्रकार आ गंभीरता के पता लगावे खातिर अतिरिक्त परीक्षण, जइसे कि आनुवंशिक परीक्षण, करावल।
जरूरी हो सकेला ।
थैलेसीमिया के उपचार (Thalassemia Treatment)
थैलेसीमिया के इलाज बेमारी के प्रकार आ गंभीरता के आधार प अलग-अलग होला। हल्का मामिला में इलाज के जरूरत ना पड़ सके ला जबकि गंभीर मामिला में हीमोग्लोबिन के स्तर बनल रहे आ लच्छन सभ के नियंत्रित करे खातिर नियमित रूप से खून चढ़ावे के जरूरत पड़ सके ला। अउरी इलाज सभ में शरीर से अतिरिक्त आयरन के हटावे खातिर आयरन किलेशन थेरापी, फोलिक एसिड के पूरक आ गंभीर मामिला में अस्थि मज्जा भा स्टेम सेल प्रत्यारोपण सामिल हो सके ला।