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का धरती से खतम हो जइहें पुरुष! जानीं काहे हैरान कs रहल बा ई रिपोर्ट

08:36 AM Aug 28, 2024 IST | Minee Upadhyay
का धरती से खतम हो जइहें पुरुष  जानीं काहे हैरान कs रहल बा ई रिपोर्ट
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एगो महिला के गर्भ में बढ़े वाला भ्रूण के लिंग मने कि लईका होई कि लईकी, ओकर माता-पिता के क्रोमोसोम पs निर्भर करेला। असल में महिला शरीर में दुगो एक्स क्रोमोसोम अवुरी पुरुष शरीर में एगो एक्स अवुरी एक Y (वाय) क्रोमोसोम होखेला। जब मरद मेहरारू के XX क्रोमोसोम मिलेला तs भ्रूण लइकी बन जाला आ जब XY क्रोमोसोम मिलेला तs ओकरा बाद लइका पैदा होला. मतलब कि लइका पैदा होखे खातिर Y क्रोमोसोम होखल जरूरी बा. अगर मरद के वाय क्रोमोसोम नष्ट हो जाई तs लईका ना पैदा होई, खाली लईकी पैदा होई अवुरी तब इंसान ना जिंदा रही। अइसने खतरा एगो नया शोध में भी बतावल गइल बा, जवना में कहल गइल बा कि वाय क्रोमोसोम में कमी आ रहल बा।

साइंस अलर्ट के रिपोर्ट के मुताबिक शोध में कहल गईल बा कि, मानव वाय क्रोमोसोम में कमी होखता अवुरी भविष्य पूरा तरीका से गायब हो सकता। हालांकि एकरा के खतम होखे में लाखों साल लागी। अगर मनुष्य वाय के विकल्प के रूप में नया जीन के बिकास ना कs पावे आ वाय क्रोमोसोम के गिरावट जारी रहे तब पृथ्वी पर जीवन गायब हो सकेला। एगो नाया जीन के विकास के उम्मीद 2022 में प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस में प्रकाशित एगो शोध पत्र से जगल। एहमें बतावल गइल बा कि कइसे कांटेदार चूहा में एगो नया पुरुष-निर्धारण जीन बन गइल बा. इs एगो वैकल्पिक संभावना के ओर इशारा करता, जवना में कहल गईल बा कि इंसान एगो नाया लिंग निर्धारित करेवाला जीन के विकास कs सकता। हालांकि इs बहुत सीधा नईखे अवुरी एकर विकास भी बहुत जोखिम के संगे आई। मतलब कि अब एकरा के विकल्प के रूप में मानल बहुत जल्दीबाजी होई।

Y क्रोमोसोम मानव लिंग के निर्धारण कईसे करेला?

महिला अवुरी पुरुष में एक एक्स अवुरी एक वाय क्रोमोसोम होखेला। एक्स में लगभग 900 जीन होला जबकि वाय में लगभग 55 जीन आ बहुत सारा गैर-कोडिंग डीएनए होला। वाय क्रोमोसोम एगो पंच पैक करे ला काहें से कि एह में एगो महत्वपूर्ण जीन होला जे भ्रूण में पुरुष के बिकास के सुरुआत करे ला। ई मास्टर जीन गर्भधारण के 12 हफ्ता बाद अन्य जीन में बदल जाला। एकरा से भ्रूण में पुरुष हार्मोन पैदा होखेला जवन कि बच्चा के लईका के रूप में विकसित होखे के सुनिश्चित करेला।

शोध से पता चलल कि दुनो गुणसूत्र के बीच असमानता बढ़ता। पिछला 16.6 करोड़ साल में वाय गुणसूत्र में 900-55 सक्रिय जीन के नुकसान भइल बा। इs प्रति लाख साल में पांच जीन के नुकसान हs। एह दर से अंतिम 55 जीन 1 करोड़ 10 लाख साल में खतम हो जाई। वाय क्रोमोसोम में कमी से वैज्ञानिक चिंतित बाड़े।

Y क्रोमोसोम के बिना भी जीवन सम्भव हो सकेला!

Y क्रोमोसोम के घटले के चिंता के बीच वैज्ञानिक लोग के अयीसन दुगो चूहा के वंश से राहत मिलल बा जवन कि Y क्रोमोसोम के नुकसान के बाद भी जिंदा रहेला। पूर्वी यूरोप आ जापान के कांटेदार चूहा सभ में अइसन प्रजाति बाड़ी सऽ जिनहन के गुणसूत्र आ एसआरवाई पूरा तरीका से गायब हो गइल बा। अइसन नस्ल सभ में एक्स गुणसूत्र दुनों लिंग खातिर काम होला। हालांकि, इs साफ नईखे कि इs सभ जीन के बिना लिंग के कईसे तय करेले।

शोध में कुरोइवा के टीम के कहनाम बा कि इंसान के वाय क्रोमोसोम गुणसूत्र के गायब होखला से हमनी के भविष्य के बारे में अटकलबाजी पैदा हो गईल बा। इहो संभव बा कि अब से एक करोड़ 10 लाख साल बाद पृथ्वी पs कवनो इंसान ना होखे। एकर कारण प्रजनन खातिर शुक्राणु के जरूरत होखेला। मतलब कि पुरुष के भी होखल जरूरी बा। इs साफ बा कि वाय गुणसूत्र के अंत मानव जाति के विलुप्त होखे के संकेत दे सकता।

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