टेक्नोलॉजी
खेल | कब्बड्डीक्रिकेटफुटबॉलबैडमिंटनहॉकी
मनोरंजन | सीरियलसिनेमासंगीतशार्ट स्टोरीजवेब सीरीजवीडियोडॉक्यूमेंट्री
राजनीतिविविध
व्यापार | अर्थव्यवस्थाउधारडिजिटल मुद्रानिवेशपूंजीरियल एस्टेटशेयर बाजार
शासन-प्रशासन | अपराधकानूनदुर्घटनासामाजिक योजना
शिक्षा
लाइफस्टाइल | आयुर्वेदखानपानसेहतव्यायामरोग एवं उपचारयोगब्यूटी टिप्सघरेलू उपचार
फोटो स्टोरीपर्यटन स्थल
धरम-करम | राशिफलमान्यतात्यौहारतीर्थ स्थलअंधविश्वास
देस-बिदेस
साहित्य | उपन्यासकविताकहानी
स्पेशल स्टोरीबड़ी खबरें
Advertisement

अब लोगन के नाहीं मिली मउत के सजा, इs देश खतम कइलस प्रावधान

09:34 AM Jan 01, 2025 IST | Minee Upadhyay
इs देश खतम कइलस प्रावधान
Advertisement

दुनिया के अलग-अलग हिस्सा में अपराधी के फांसी के सजा देवे के लेके बहस चलता। एक ओर अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप फांसी के सजा के मजबूती से बढ़ावा देबे के बात कइले बाड़न. तs अब एगो अइसन देश सामने आइल बा जवन अपना देश में फाँसी के सजा के प्रावधान खतम कs दिहले बा. मतलब अब एह देश में कवनो आदमी के फांसी के सजा ना मिली। बता दीं कि फाँसी के सजा खतम करे वाला एह देश के नाम जिम्बाब्वे हs.

Advertisement

एह कानून के राष्ट्रपति से मंजूरी मिल गइल
अफ्रीकी देश जिम्बाब्वे में फाँसी के सजा के प्रावधान पूरा तरह से खतम कs दिहल गइल बा. जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति एमर्सन मनंगाग्वा एह हफ्ता फाँसी के सजा खतम करे वाला कानून के प्रावधान के मंजूरी दे दिहलन. पिछला बेर जिम्बाब्वे में कवनो कैदी के फांसी के सजा दिहल गइल रहे लगभग दू दशक पहिले. एही कारण से अनुमान लगावल जात रहे कि जिम्बाब्वे फाँसी के सजा खतम करे के कदम उठा सकेला.

एक बेर राष्ट्रपति एमर्सन के भी फांसी के सजा सुनावल गईल रहे

जिम्बाब्वे के वर्तमान राष्ट्रपति इमरसन म्नांगग्वा के भी एक बेर फांसी के सजा सुनावल गईल रहे| उनुका के इ सजा 1960 के दशक में जिम्बाब्वे के आजादी के लड़ाई के दौरान दिहल गईल रहे। एमर्सन मनंगाग्वा के जनम साल 1942 में भइल रहे। उपनिवेशवाद के खिलाफ आंदोलन में भाग लिहले जवना के चलते उनुका दस साल जेल में बितावे के पड़ल। वर्तमान में ऊ 2017 से जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति के रूप में काम करत बाड़ें।

जिम्बाब्वे में अइसन केतना कैदी बाड़े?

मनंगाग्वा के भी 1960 के दशक में आजादी के लड़ाई के दौरान फांसी के सजा सुनावल गईल रहे| जिम्बाब्वे में करीब 60 कैदियन के फांसी के सजा सुनावल गइल बा. हालांकि अब एह नया कानून के लागू भइला के बाद सभका सजा माफ हो जाई. बता दीं कि जिम्बाब्वे में आखिरी बेर केहू के फाँसी के सजा साल 2005 में दिहल गइल रहे.

इहो पढ़ीं : सबेरे-सबेरे: गर्दन के समस्या से बानी परेसान, तs रोजे करीं इs Exercise

Tags :
breaking newsDeath SentenceZimbabaweZimbabawe news
Advertisement
Next Article