Yogi Adityanath: वाराणसी में बोललें मुख्यमंत्री योगी- हमनी के देस सुरक्षित तs हमनी के धरम सुरक्षित, एकरा बादे हमनी के सुरक्षित
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सनीचर के स्वर्वेद मंदिर के विहंगम योग के शताब्दी वर्ष समारोह में पहुंचलें। एह दौरान जब मुख्यमंत्री मंच संभरलें तs धरम आ सनातन पs जवन वक्तव्य देलें ऊ सबका मन के छू गइल। सीएम मंच से कहलें कि बाबा विश्वनाथ के पावन धरा पs आयोजित एह कार्यक्रम के मवका पs सभे के अभिनंदन करत बानी। विहंगम योग संत-समाज दिव्य आ भव्य मंदिर बनाके कोटि-कोटि श्रद्धालुअन के भारत के योग-परंपरा आ आध्यात्मिक धारा के संगे जोड़े के काम कs रहल बा। एह पुण्य अवसर पs सद्गुरु सदाफलदेव जी महाराज के स्मृतियन के नमन आ जन-जागरण के एह वृहद अभियान खातिर विहंगम योग संत-समाज आउर एकरा से जुड़ल सब श्रद्धालुअन आ भक्तजन के हार्दिक अभिनंदन।
एह इंटरव्यू के जरूर देखीं: प्रख्यात गायिका शालिनी दुबे से अनुराग रंजन के विशेष बतकही।
पीएम खुद एकर साधना कइले रहस। एगो संत सच्चा योगी देस आ समाज के परिस्थितियन से हाथ पs हाथ रखके चुप नइखे बइठ सकत। अपना आध्यात्मिक साधना से देस के आजादी दियावे वाला आंदोलन से सदादेव फल जी महाराज जुड़लें। सीएम बोललें, पीएम कहेलें हर काम देस के नाम। हमनी के देस सुरक्षित बा तs हमनी के धरमो बो सुरक्षित बा आ हमनी के सुरक्षित बानी सs। जवन कवनो काम होखे मत आ मजहब से उपर उठके होखे।
पीएम के संसदीय क्षेत्र होखला के नाते दस बरिसन में पीएम काशी के चमका देलें। दुनिया के सबसे बड़ स्नान घाट नमो घाट, जहां हेलीपैड ले बा, ऊ घाट काशी में बा। काशी में जेतना देव मंदिर बा ओकर कायाकल्प भइल बा। काशी में सड़क, रेल भा वायुसेवा के कनेक्टिविटी होखे, 2014 के पहिले जइसन रहे ओकरा से सौ गुना जादे बेहतर भइल बा। एगो आउर कनेक्टिविटी के तहत काशी से हल्दिया के बीच जलमार्ग के उपयोग कs के लोग यात्रा के आगे बढ़ा सकत बा। स्वास्थ्य होखे भा शिक्षा अथवा विकास हर क्षेत्र में काशी चमक रहल बा। यूपीओ पीएम मोदी के मार्ग दर्शन में आगे बढ़ रहल बा। इहां विकास बा तs विरासत के सम्मानो बा। योग के देस के अंदर वैश्विक मंच पर ले जाये के श्रेय पीएम के जाला। अबकी बेर प्रयागराज में महाकुंभ के भव्य आयोजन हो रहल बा। ई साल हमनी खातिर महत्वपूर्ण बा। 22 जनवरी 2024 के रामलला अयोध्या में विराजमान भइलें।
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पीएम जवना भव्य स्वर्वेद मंदिर के उद्घाटन एक बरिस पहिले कइले रहस ओकरा शताब्दी समारोह के संगे जुड़ला के अवसर हमरा प्राप्त हो रहल बा। लाखन के संख्या में लोग आइल बस, सबकुछ अपने आप चल रहल ब। विज्ञान के पद्धति पs पंडाल ललगावल गइल।हमनी के आध्यात्म लकीर के फकीर ना तकनीक आ विज्ञान के अपनाके काम कs रहल बानी सs। इहे भारतीयता हs, इहे यही सनातन हs। सद्गुरू सदाफलदेव जी महाराज के स्मृतियन के नमन करत बानी। ट्रस्ट से जुड़ल सब पदाधिकारियन के धन्यवाद देत बानी। ई दृश्य पच्चीस हजार यज्ञ के विहंगम दृश्य प्रस्तुत कs रहल बा।