Gorakhpur News: डीडीयू के हिंदी विभाग में भोजपुरी अध्ययन केंद्र खोले के तइयारी
भोजपुरी आ जनपदीय अध्ययन में शुरू होई डिप्लोमा पाठ्यक्रम
गोरखपुर आ आसपास के इलाका के लोग के जल्दिए भोजपुरी साहित्य पढ़े के मौका मिली। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग भोजपुरी अध्ययन केंद्र बनावे के योजना बनवले बा। इ केन्द्र भोजपुरी साहित्य आ संस्कृति के बढ़ावा देबे के काम करी।
गोरखपुर विश्वविद्यालय भोजपुरी क्षेत्र में इस्थित ना। इहाँ अवधी आ आउरो भाषा बोलल जाला, बाकिर इहाँ के सभ्यता आ संस्कृति भोजपुरी से जुड़ल बा। अध्ययन केन्द्र में भोजपुरी लोक साहित्य पs शोध कइल जाई। एकरा माध्यम से भोजपुरी भाषा, साहित्य आ समाज के मूल्यांकन होई। एह केन्द्र से भोजपुरी लोक साहित्य के अध्ययन करे वाला आ भोजपुरी के शोध पत्र आ पत्रिका प्रकाशित करे वाला विद्यार्थियन आ शोधकर्ता लोग के उचित अवसर मिल जाई।
हिंदी विभाग के प्रमुख प्रो. दीपक प्रकाश त्यागी कहलन कि नया शिक्षा नीति में क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई पर जोर दिहल गइल बा। भोजपुरी साहित्य अध्ययन केंद्र के तहत भोजपुरी आ जनपदी अध्ययन पs डिप्लोमा कोर्स शुरू कइल जाई। एकरा साथे-साथे भोजपुरी पs शब्दकोश, लोकगीत, परम्परा आ संस्कार गीतनो पs शोध होई। विद्यार्थियन खातिर समय-समय पs कार्यशाला के आयोजन कइल जाई। उहाँ के कहनी कि एह केंद्र के स्थापना के उद्देश्य भोजपुरी भाषा में रचनात्मक साहित्यकारन के अइसन मौका दिहल बा, जवना के माध्यम से भोजपुरी भाषा के युवा साहित्यकार लोग के उचित पहचान मिल सके। प्रवासी भारतीय लोग खातिरो इ केंद्र बहुत महत्वपूर्ण होई। ई ओह लोग खातिर संपर्क केंद्र के रूप में विकसित होई, जवना के माध्यम से उऽ लोग भोजपुरी लेखन के रूप, प्रकृति आ चेतना के अध्ययन कऽ पाई। पूर्वांचल में भोजपुरी अध्ययन केंद्र के बहुत ज्यादा जरूरत बा। हिंदी विभाग एकरा के लेके योजना बना रहल बा जवन एगो सराहनीय पहल बा। एह केंद्र के स्थापना खातिर हर संभव प्रयास कइल जाई। इहाँ प्रवासी भोजपुरी साहित्य के अध्ययन होखे, जवना से बाहरो के लोग आकर्षित होइहें।
- प्रो. पूनम टंडन, कुलपति