Meta: मार्क जकरबर्ग बंद कइलें फैक्ट चेक प्रोग्राम, लॉन्च कइलें कम्युनिटी नोट सिस्टम
मेटा के सीईओ मार्क जकरबर्ग मंगर के कंपनी के मॉडरेशन नीतियन आ प्रक्रियन में बड़ बदलावन के घोषणा कइलें। ऊ कहलें कि बदलत राजनीतिक आ सामाजिक परिदृश्य आउर फ्री स्पीच के बढ़ावा देवे के मंशा से ई डेग उठावल जा रहल बा। जकरबर्ग कहलें कि मेटा अब अपना भरोसेमंद साझेदारन के संगे चल रहल फैक्ट-चेकिंग प्रोग्राम के समाप्त कs दी आ एकरा स्थान पs "एक्स" (पहिले ट्विटर) के कम्युनिटी नोट्स जइसन एगो कम्युनिटी-ड्रिवन सिस्टम लागू करी।
राजनीतिक कंटेंट खातिर नया नीति
कंपनी राजनीतिक विषयन पs कंटेंट मॉडरेशन नीतियन में बदलाव करे के फैसला कइले बिया। एकरा तहत ओह बदलावन के पलटल जाई, जवना के तहत यूजर फीड में राजनीतिक सामग्री के मात्रा कम कs दिहल गइल रहे। ई परिवर्तन फेसबुक आ इंस्टाग्राम जइसन विशाल प्लेटफॉर्म्स के संगे-संगे Threads पs लागू होई।
जकरबर्ग के फोकस: “फ्री स्पीच”
जकरबर्ग एगो वीडियो में कहलें, "हमनी के अपना जड़न के ओर लवटेम सs आ गलतियन के कम करे, अपना नीतियन के सरल बनावे आ अपना प्लेटफॉर्म्स पs फ्री एक्सप्रेशन के बहाल कइला पs ध्यान देम सs।" ऊ आगे कहलें, "सबसे पहिले, हमनी के फैक्ट-चेकर्स के हटाके ओह लोगन के जगे अमेरिका में 'कम्युनिटी नोट्स' सिस्टम लागू करेम सs।"
चुनाव के असर
जकरबर्ग आवे वाला चुनावन के एह निर्णय के एगो प्रमुख कारण बतवलें। ऊ सरकारन आ पारंपरिक मीडिया पs आरोप लगवलें कि ऊ " जादे से जादे सेंसरशिप के बढ़ावा देवे" के कोसिस कs रहल बाड़ी सs। ऊ कहलें, "हालिया चुनाव ई संकेत देलस कि एक बेर फेर से फ्री स्पीच के प्राथमिकता दिहल जाये के चाहीं।,"
कॉन्टेंट मॉडरेशन सिस्टम में बदलाव
जकरबर्ग मनले कि उनका मॉडरेशन सिस्टम में बहुत गलती होत रहे। ऊ वीडियो में कहलें, "हमनी के कंटेंट मॉडरेट करे खातिर बहुत जटिल सिस्टम बनवनी सs, बाकिर समस्या ई बा कि जटिल सिस्टम गलती करेला। जदि ई सिस्टम खाली 1% पोस्ट के गलती से सेंसर करत बा, तs ई लाखन लोगन के प्रभावित करेला। ड्रग्स, आतंकवाद आ बाल शोषण जइसन गंभीर मुद्दन पs कंपनी के मॉडरेशन नीति सख्त बनल रही।"