ना रहले शायर बशीर अहमद 'दानिश गोरखपुरी'
गोरखपुर। अदब के दुनिया से गहरा तअल्लुक रखे वाला शायर बशीर अहमद 'दानिश गोरखपुरी' 18 अप्रैल 2024 के सांझि खा 5 बजे दुनिया के मोह माया बिदा लिहले। उनका निधन के खबर से शायरी के दुनिया में सन्नाटा पसर गइल। 'दानिश गोरखपुरी' के शुभचिंतक, कवि, शायर आ रिश्तेदार के उनका आवास पऽ पहुंचल शुरू गइल बा। उर्दू शायरी के ज्ञाता 'दानिश गोरखपुरी' के शेरो शायरीयो के बहुत बड़ा जुनून रहे। इहे वजह रहे कि लोग उनका के सुने खातिर दूर- दराज से लोग आवल करत रहे । लोग बतावेला कि उऽ अपना जीवन में हजारों मंच के साझा कइले। लोग उनका शायरी आ नज़्म के कायल रहले। उऽ गोरखपुर के एगो अइसन रचनात्मक शख्सियत रहले। जेकर शायर आ कवि आदर आ सम्मान करत रहले। उनकर शायरी के लोग लोहा मानल करत रहे। उऽ आपन शायरी के बलबूते से केहू के आपन बना लेत रहले। उऽ आम/ खास के दिलन पर राज कइल जानत रहले। एही खातिर लोग उनका के बशीर कह के दानिश कहत रहे। यकीनन उऽ दानिश्वर रहले। सब कोई बहुते सम्मान देत रहले। बिना नाश्ता, चाय - पानी पिअवले कबो वापस लौटे ना देत रहले। बहरहाल अब उनकर इयाद लोगन के दिल में बा।