प्रफुल्ल चंद्र राय भारतीय रसायन के जनके ना भारतीय प्राचीन विज्ञान के मुकुट रहलें - प्रभात
सरस्वती शिशु मंदिर (10+2) पक्कीबाग गोरखपुर में भारत के महान वैज्ञानिक प्रफुल्ल चंद्र राय के जयंती मनावल गइल, जवना में मुख्य अतिथि आ वक्ता गोरखपुर के युवा गणित, विज्ञान विशेषज्ञ अउरी शिक्षक प्रभात त्रिपाठी कहलें कि पराधीनता के दौरान प्रफुल्ल चंद्र राय जी संघर्ष से जूझत घरी भारत के प्राचीन विज्ञान के ज्ञात अज्ञात ज्ञान के लिपि बद्ध कऽ के पूरा दुनिया के चौंका देले। उनका राष्ट्र प्रेम आ रसायन शास्त्र के प्रति समर्पण उद्यमी के रूप में भी देश सेवा के ओर मोड़ देलस। उऽ एगो शिक्षक के रूप में मेघनाथ साहा आ सतेंद्रनाथ बोस जइसन महान शिष्देयो के समर्पित कइलें। उऽ एगो महान वैज्ञानिक, शिक्षक आ देशप्रेमी एकही रूप में चिरकाल तक हमनी के प्रेरित करत रहिहें। उनकर पुस्तक हिंदू रसायन के इतिहास आ उनका द्वारा अंग्रेज़ी शासन काल में विश्व विद्यालय में प्रथम प्रवक्ता के रूप में कार्य करे के अवसर हमनी के भीतर उनका प्रति सम्मान आ अभिमान के भाव भर देवेला।
महान वैज्ञानिक प्रफुल्ल चंद्र राय हिंदुस्तानिये ना बल्कि संपूर्ण विश्व में विज्ञान के क्षेत्र में मां भारती के सिस ऊंच कइलन। एह अवसर पs विद्यालय के बहिन अनुष्का आ आकांक्षा अपना वक्तव्य प्रस्तुत कइली।
अतिथि परिचय विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ राजेश सिंह आ आभार ज्ञापन प्रथम सहायिका रुक्मिणी उपाध्याय कइले संचालन आचार्य निर्मल यादव कइले। एह अवसर पs विद्यालय के समस्त आचार्य आ आचार्या बहन, छात्र छात्रा लो उपस्थित रहे।