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दोकान मालिकन को नाम बतावे के जरूरत नइखे', नेमप्लेट विवाद पऽ यूपी सरकार के झटका; SC  फैसला पऽ लगवलस रोक

03:09 PM Jul 22, 2024 IST | Sonu Kishor
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उत्तर प्रदेश सरकार के ओर से काँवर यात्रा मार्ग पs होटल में अपना मालिक के नाम देखावे के आदेश के लेके आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भइल। सुनवाई के बाद कोर्ट यूपी प्रशासन के फैसला पs रोक लगा देले बिया। सुप्रीम कोर्ट पूछलस कि ई प्रेस बयान हऽ कि औपचारिक आदेश कि ई सब देखावल जाव?

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कोर्ट तीन राज्य सरकार के नोटिस भेजलस 

कोर्ट कहलस कि दोकानदार के आपन पहचान बतावे के जरुरत नईखे। दोकान मालिक के आपन नाम बतावे के जरूरत नइखे। दुकानदारन के बस खाना के प्रकार बतावे के जरूरत बा। माने कि दोकान पs लिखे के जरूरत बा कि ओहिजा गैर शाकाहारी भा शाकाहारी खाना मिलऽता। कोर्ट एह मामला में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड आ मध्य प्रदेश सरकार के नोटिस जारी कऽ देले बिया।

महुआ मोइत्रा दायर कइली याचिका 

ई याचिका अदालत में एनजीओ एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स के ओर से दायर कइल गईल बा।  तृणमूल कांग्रेस के सांसद महुआ मोइत्रा भी एहऽ आदेश के खिलाफ याचिका दायर कइले बाड़ी, जवना के अबही सुनवाई खाती सूचीबद्ध कइल गइल बा।   जस्टिस हृषिकेश राय आ जस्टिस एसवीएन भट्टी के पीठ एह मामिला के सुनवाई कइलस।

पुलिस एह आदेश के कड़ाई से लागू कर रहल बिया : याचिकाकर्ता

सुप्रीम कोर्ट पूछलस कि का ई प्रेस बयान हऽ कि औपचारिक आदेश कि एह सब के देखावल जाव? याचिकाकर्ता के वकील जवाब देले कि पहिले प्रेस बयान भइल आ ओकरा बाद जनता में आक्रोश भइल आ उऽ लोग के कहनाम बा कि इ स्वैच्छिक बा बाकिर एकरा के कड़ाई से लागू करs तारे। वकील कहले कि कवनो औपचारिक आदेश नइखे, लेकिन पुलिस कड़ा कार्रवाई करतिया।

याचिकाकर्ता के ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी कहले कि इ छद्म आदेश ह। एक याचिकाकर्ता के प्रतिनिधित्व करत वरिष्ठ अधिवक्ता सी.यू।" "सामना करे के पड़ल।" सुप्रीम कोर्ट सिंघवी से कहलस कि हमनी के इस्थिति के अइसन बखान ना करे के चाही कि जवन जमीन पs बा ओकरा के बढ़ा-चढ़ा के कहल जाव। एह आदेशन में सुरक्षा आ स्वच्छता के आयामो। सिंघवी के कहनाम बा कि काँवर यात्रा दशकन से हो रहल बा आ मुसलमान, ईसाई आ बौद्ध समेत सगरी धर्म के लोग एह लोग के राह में मदद करेला। अब रउरा कवनो खास धर्म के बहिष्कार कर रहल बानी।"

अभिषेक मनु सिंघवी कवन तर्क देले?

अभिषेक मनु सिंघवी आगे कहले कि, "बहुत सारा शुद्ध शाकाहारी रेस्तरां बा जवन कि हिन्दू चलावेले आ ओमे मुसलमान कर्मचारी भी हो सकऽतारे, का हम कह सकऽतानी कि हम उहाँ जाके ना खाइब, काहेंकी खाना कवनो तरीका से मुसलमान चाहे दलित के अपमान बा।" काहेकि खाना कवनो ना कवनो तरे मुस्लिम भा दलितन द्वारा छुअल जाला? सिंघवी के कहनाम बा कि निर्देश में “स्वेक्षचा से” (इच्छा से) लिखल बा बाकिर स्वेच्छा कहाँ बा?

मुजफ्फरनगर प्रशासन के आदेश के बाद खड़ा भइल हंगामा 

मुजफ्फरनगर पुलिस काँवर यात्रा मार्ग पs मौजूद सगरी भोजनालयन के अपना मालिकन के नाम देखावे के निर्देश दिहला के बाद उत्तर प्रदेश सरकार शुक के दिने एकरा के पूरा राज्य ले चहुँपा दिहलस। एह हफ्ता के शुरुआत में मुजफ्फरनगर पुलिस के ओर से आदेश जारी कइल गइल रहे कि कांवड़ यात्रा मार्ग पs दोकानदार के अपना दोकान पs नाम प्लेट लगावे के चाही ताकि कवड़ी के पता चले कि दोकानदार के नाम का हऽ।

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