गोरखपुर में अवैध कालोनियन में प्लाट लेवे वाला लोग खाली खेतिए कर पाई, 49 पऽ चल चुकल बा बुलडोजर, ए 27 कालोनियन के ध्वस्तीकरन के आदेश हो चुकल बा जारी
Gorakhpur News: जीडीए उपाध्यक्ष आनंद वर्द्धन कहले कि अधिकांश अवैध कालोनियन के भू-प्रयोग कृषि बा आ ई प्राधिकरण के विस्तारित क्षेत्र के हऽ। नया महायोजना 2031 सो में एकर भू-प्रयोग बदले के उम्मीद बहुते कम बा। आगे के महायोजनो में कवनो उम्मीद बन सकी। तब ले ए कालोनियन के प्लाट पऽ कवनो तरह के पक्का निर्माण नइखे करावल जा सकत।
गोरखपुर। अवैध कालोनियन में प्लाट लेवे वाला ज्यादातर लोग फंस चुकल बा। अब उऽ लोग जमीन पऽ कवनो तरह के निर्माण तऽ नाहींए करा सकी। धीरे-धीरे अवैध कालोनियन के नाम सार्वजनिक हो गइला से प्लाट के दूबारा बेचाए के संभावना खत्म होत जा रहल बा। अब ए प्लाट के प्रयोग खेती-बागवानी भा डेयरी आदि संचालित करे के काम में आ सकत बा।
गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) के ओर से दिसंबर, 2022 से लेके अबहीं ले करीब 15 महीना में 100 अवैध कालोनियन के चिह्नित कइल जा चुकल बा। एमें 49 अवैध कालोनियन पऽ प्राधिकरण के बुलडोजर चल चुकल बा। जबकि, 27 कालोनियन के ध्वस्तीकरण के आदेश जारी हो चुकल बा। कार्रवाई कइल बाकी बा।
एही तरे 24 कालोनियन के लेके सुनवाई चल रहल बा। प्राधिकरण के दावा बा एहूमें ध्वस्तीकरण के कार्रवाई होखल तय बा। जीडीए के प्रभारी मुख्य अभियंता किशन सिंह के मोताबिक अबले जवन अवैध कालोनियन के चिन्हित कइल गइल बा, ओमें करीब 90 प्रतिशत कालोनियन के भू-प्रयोग कृषि बा।
नयका महायोजना 2031 सो में 75 प्रतिशत कालोनियन के भू-प्रयोग में बदलाव के कवनो आशा नइखे। महज 20 प्रतिशत कालोनियन के भू-प्रयोग कृषि से आवासीय हो सकत बा। नयका महायोजना अइला के बाद ई अंकड़ो पूरा तरह से साफ हो जाई।
महायोजना लागू भइला के बाद जवन अवैध कालोनियन के भू-प्रयोग आवासीय होला वो कालोनाइजर के कंपाउंडिंग करावे के साथही ले-आउट स्वीकृत करावे के होई। तबे उऽ लो अपना प्लाट में कवनो तरह के निर्माण करा सकी ना तऽ कृषि भू प्रयोग भइला के वजह से मानचित्र ना स्वीकृत हो सकी।
अइसे में ए कालोनियन में प्लाट लेके फंसल लोग खाली खेती-बागवानी करे खातिर आपन जमीन के प्रयोग कर सकी।
ए कालोनियन के ध्वस्त करे के बा
अनंत सिटी, रिस्ता इन्क्लेव जंगल कौड़िया, प्रभुत्त नगर सेमर डाढ़ी, आयुष गोल्फ सिटी विशुनपुर, क्लासिक ग्रीन सिटी, डालफिन ग्रीन सिटी विशुनपुर, तिरूपति ग्लेक्सी विशुनपुर, संस सिटी जंगल कौड़िया, सर्वोदय कालोनी प्रेम नगर, एसबीडी जंगल कौड़िया, तालजहदा/गायघाट, बहरामपुर, माडापार, माड़ापार रामचंद्र नगर, कोनी, ताल कंदला ग्राम सेमरी, जंगल रामगढ़ उर्फ चौरी, भैंसहा गांव, बहरामपुर, देवीपुर एजीएल पैराडाइज, सुंदर विहार, जंगल सिकरी, ताल नदौर वाराणसी रोड, मोतीराम अड्डा, रामनगर करजहां अभिषेकपुरम
ए कालोनियन के मामले में चल रहल बा सुनवाई
नरूद्दीन चक आराजी, रेड हील ताल जामुआर जंगल कौड़िया, जंगल कौड़िया बाईपास रोड, शेरपुर चमराहे, मौजा सुभाष अली, श्री नारायण बिल्डर्स एवं कालोनाइजर्स बुढ़िया माई नगर, बुढ़िया माई ग्रीन गार्डेन रूदलापुर, रामपुरम कालोनी, अंबे सिटी जंगल धूसड़, गुलरिहा, बिछिया, आयुष स्मार्ट सिटी सोनबरसा, सिद्धि विनायक नगर सोनबरसा, माड़ापार, जंगल मेहताब, माडापार कटेहरी टोला, आराजी बसडीला और जंगल मेहताब राव, रामनगर करजहां खोराबार।
जीडीए उपाध्यक्ष आनंद वर्द्धन कहले कि अधिकांश अवैध कालोनियन के भू-प्रयोग कृषि वाला हऽ आ ई प्राधिकरण के विस्तारित क्षेत्र के बा। नयका महायोजना 2031 में एकर भू-प्रयोग बदले के उम्मीद बहुत कम बा। आगे के महायोजना में कवनो उम्मीद बन सकी। तब ले ए कालोनियन के प्लाट पऽ कवनो तरह के पक्का निर्माण नइखे करावल जा सकत। लोगन से अपील बा कि उऽ कवनो कालोनी में प्लाट किने से पहिले ई जरूर जांच ली कि ओकर भू प्रयोग का बा। प्राधिकरण से ले-आउट भा रेरा में कालोनी के पंजीकरण बा की ना।
भू-प्रयोग बदलल तबो राह आसान नइखे
अवैध कालोनी बसावे वाला ज्यादातर लो बिचवनिया बा। माने कि प्लाटिंग कर के कालोनी उऽ लोग भलहीं बसाई, बाकिर रजिस्ट्री मूल काश्तकारे से करवले बा। दूसर बस ई कि ले-आउट खातिर कालोनी के कुल भूमि के 40 प्रतिशत सड़क, नाली आदि खातिर सुरक्षित करे के होई तबे प्राधिकरण से ले-आउट स्वीकृत होई। कई कालोनियन के ज्यादातर प्लाट बिका गइल बा, जवना से मौका पऽ ओतना जमीनो नइखे बांच गइल।