UP Board: सुंदर लिखावट वाला कॉपियन पऽ मिली 1 अंक अधिका, परीक्षको लो खातिर बनावल गइल नियम, पढ़ी खबर
UP Board: अपर सचिव डॉ. विनोद कुमार राय कहले कि मूल्यांकन के काम त्रुटि रहित आ पारदर्शी होखे के चाहीं। परीक्षक के कांपी जांचत समय पूरा सावधानी राखे के होई।प्रशिक्षक उप सचिव साहब सिंह यादव आ सहायक सचिव मनोज कुमार कहले कि 90 फीसदी से बेसी आ शून्य अंक वाला कॉपियन के दोबारा जांच करावल जाई।
यूपी के हाईस्कूल आ इंटरमीडिएट परीक्षा के कॉपियन के मूल्यांकन 16 मार्च से शुरू होई। सुंदर लिखावट पऽ एक अंक बेसी मिली। प्रतिदिन हाईस्कूल के अधिकतम 50 आ इंटरमीडिएट 45 गो कॉपि जांचल जाई। उहें, दू प्रतिशत त्रुटि वाला परीक्षक के तीन साल खातिर अयोग्य घोषित कर दिहल जाई। माध्यमिक शिक्षा परिषद के क्षेत्रीय कार्यालय में बियफे के पूर्वांचल के 15 जिलन के 55 मूल्यांकन केंद्रन के उप नियंत्रक लो के प्रशिक्षण दिहल जाई।
प्रशिक्षक उप सचिव साहब सिंह यादव आ सहायक सचिव मनोज कुमार कहले कि 90 फीसदी से बेसी आ शून्य अंक वाली कॉपियन के दोबारा जांच करावल जाई। परीक्षक लो के स्टेप बाई स्टेप मार्किंग कइल अनिवार्य होई। जदि कवनो प्रश्न मे उत्तर तीन स्टेप में पूर्ण हो रहल बा आ ओमें से परीक्षार्थी दो स्टेप सही कइले बा तऽ ओकरा के सही स्टेप के अंक दिहल जाई।
उऽ बतवले कि हाईस्कूल के परीक्षक एक दिन में अधिकतम 50 आ इंटरमीडिएट के परीक्षक के अधिकतम 45 काँपी जाँची लो। मूल्यांकन के पहिले दिने उप प्रधान परीक्षक आदर्श उत्तर पुस्तिका के रूप में 20 कॉपियन के मूल्यांकन करिहें। एकरा बाद परीक्षक कॉपियन के मूल्यांकन करिहें।
रोज दू गो सदस्यीय अंकेक्षण टीम जांचल गइल कॉपियन के रैंडम जांच करी। जदि परीक्षक आधा प्रतिशत त्रुटि करत बा तऽ 25 प्रतिशत, एक प्रतिशत त्रुटि पर 50 प्रतिशत आ दु प्रतिशत त्रुटि करे पऽ 85 प्रतिशत के कटौती ओकरा पारिश्रमिक में से कइल जाईं। दू प्रतिशत त्रुटि वाला परीक्षक के तीन साल खातिर अयोग्य घोषित कर दिहल जाईं। प्रशिक्षण लेवे वाला उप नियंत्रक अपना जिला में शुक के उप प्रधान परीक्षक आ परीक्षक लो के प्रशिक्षण दिहें।